रविवार को कोतवाली थाना में इस मामले का खुलासा करते हुए एएसपी केपी चंदेल ने बताया कि वर्ष 2013 में जेएसबी चिटफंड कंपनी राजधानी
रायपुर के लालपुर में खुली थी। यहां सालभर तक ठगी का कारोबार करने के बाद वर्ष-2014 में कंपनी ने धमतरी में भी आकर अपना
काम शुरू कर दिया। शहर के नहर नाका चौक में इसका दफ्तर खोलकर कंपनी के एजेंटों ने धमतरी समेत आसपास गांवों के सैकड़ों भोले भाले लोगों को 5 साल में जमा राशि दोगुना तथा साढ़े 10 साल में चार गुना राशि देने का झांसा दिया।
READ MORE:- छत्तीसगढ़ लोकसेवा आयोग की प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न पत्र पुलिस की प्रारंभिक जांच में अभी ऐसे 15 मामले सामने आए हैं, जिनसे करीब 50 लाख की धोखाधड़ी की गई है। प्रार्थी जनपद सदस्य लक्ष्मीकांत साहू श्यामतराई की रिपोर्ट पर पुलिस ने कंपनी के डायरेक्टर और मैनेजर समेत पांच लोगों के खिलाफ धारा 420, 120-बी,467,468 तथा चिटफंड कंपनी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर अपनी जांच शुरू कर दी है। इस दौरान डीएसपी पंकज पटेल, अविनाश मिश्रा, एसआईटी प्रभारी
हर्षवर्धन बैस एवं टीआई संतोष जैन मौजूद थे।
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पुलिस की एक टीम ने रायपुर में दबिश दी और कंपनी के मैनेजर पंकज साहू, नितिन सेंडे और धनेश कुमार निषाद को गिरफ्तार कर लिया। गौरतलब है कि कंपनी का डायरेक्टर केएल ओझा पहले से ही रायपुर सेंट्रल जेल में बंद है। पांचवा साथी हीरासिंह यादव अभी फरार हैं, जिसकी सरगर्मी के साथ तलाश की जा रही है। पुलिस को उम्मीद है की वो जल्द ही फरार को ढूंढ लेगी।