हत्या का प्रयास और दुष्कर्म के मामले भी थम नहीं रहे हैं। जिले में 14 थाने और 2 चौकी है, जिनमें ऐसा कोई भी थाना/चौकी नहीं बचा, जहां लंबित अपराधों की फाइल सजी न हो। विवेचना में कमी के चलते ही कई मामले के अपराधी आज भी खुलेआम घूम रहे हैं। बाजार कुर्रीडीह निवासी महिला सागर बाई हत्याकांड को आज सालभर बीतने जा रहा है, फिर भी उसके कातिल कानून की गिरफ्त से बाहर है।
इसी तरह शहर में अटल आवासी निवासी 7 वर्षीय मासूम बच्ची रिंकी गोस्वामी हत्याकांड का भी पर्दाफाश नहीं हो सका। मासूम के हत्यारे अब भी घूम रहे है। यही हाल गंगरेल बांध में गोविंदा हत्याकांड का भी है। इस मामले को भी तीन महीने से ज्यादा समय हो गए। पुलिस की जांच में कोई प्रोग्रेस नहीं आया।
धमतरी पुलिस के कामों को लेकर इन दिनों तरह-तरह की बातें हो रही है। दरअसल केस नहीं सुलझा पाने की बड़ी की बड़ी वजह यह है कि करीब 12 सौ अधिकारी-कर्मचारियों का सेटअप रहने के बाद भी पुलिसिंग में जैसी कसावट आनी चाहिए, लेकिन वह नजर नहीं आ रही। बल्कि और जिले में अपराध का ग्राफ बढ़ गया है। बीते छह महीने का क्राइम चार्ट देखें, तो दर्जनभर से ज्यादा लोगों की हत्याएं हो चुकी है।
गौरतलब है कि पिछले छह महीने में जिस तरह से धमतरी, कुरूद, मगरलोड, नगरी क्षेत्र में जघन्य घटनाएं हुई है, उससे आम जनता में असुरक्षा की भावना घर करने लगी है। मॉडल आंचल हत्याकांड, मिशन ग्राउंड में दुर्गेश यादव, गुजराती कालोनी में डा. प्रभाकर राव, पाहंदा की रूपा साहू तथा छिपली में हमाल योगेन्द्र साहू हत्याकांड ने तो लोगों को झकझोंर कर रख दिया हैं। अपराध और अपराधियों का हौसला बढ़ता ही जा रहा है। पुलिसिंग के नाम पर सिर्फ यहां खानापूर्ति हो रही है। गौरतलब है कि बढ़ते अपराधों को देखते हुए कई थाना प्रभारियों को भी बदल दिया गया है। इससे उम्मीद है कि मामलों का खुलासा होगा।
जिला पुलिस मुख्यालय की सुस्त चाल के चलते ही खुद डीजीआई डीएम अवस्थी और आईजी डा. आनंद छाबड़ा को सख्त रूख अपनाना पड़ा। टीआई, एसआई, एएसआई समेत कई आरक्षकों पर निलंबन कार्रवाई के बाद भी पुलिसिंग में कसावट आती नहीं दिख रही।
बालाजी राव, एसपी Click – Crime in Dhamtari – इन खबरों को भी पढ़ें