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यहां दुष्कर्म, मर्डर जैसे अपराध करने के बावजूद बच जाते हैं आरोपी, जानिए ये वजह

locationधमतरीPublished: Jul 07, 2019 03:43:15 pm

आलम यह (Crime in dhamtari) है कि दुष्कर्म और मर्डर (Rape And Murder) के आरोपी आसानी से पुलिस (Police) की आंखों में घूल झोंककर खुलेआम घूम रहे हैं।

Crime in Dhamtari

यहां दुष्कर्म, मर्डर जैसे अपराध करने के बावजूद बच जाते हैं आरोपी, जानिए ये वजह

धमतरी. दुष्कर्म, मर्डर (Rape and Murder)जैसे संगीन अपराध का नाम सुनते हैं हर किसी के जेहन में एक ही बात सामने आती है कि आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। लेकिन आपको यह जानकार हैरानी होगी कि छत्तीसगढ़ के एक जिले में दुष्कर्म और मर्डर का केस सुलझाने में पुलिस नाकाम साबित (Crime in Dhamtari) हो रही हैं। बीते कुछ महीनों से दर्जनभर की हत्याएं (Murder) हो चुकी है लेकिन अभी तक एक भी मामले की गुत्थी (Dhamtari police) नहीं सुलझी है। आलम यह है कि दुष्कर्म और मर्डर के आरोपी आसानी से पुलिस की आंखों में घूल झोंककर खुलेआम घूम रहे हैं।
आपको बात दें कि बीते छह महीने में कई ऐसे चैलेंजिंग केस सामने आए, जिन्हें सुलझाने में पुलिस फिसड्डी साबित हुई है। बड़े मामले में रिंकी गोस्वामी मर्डर, गंगरेल बांध में गोविंदा धीवर व सागर बाई की हत्या। इसके अलावा दर्जनभर लोगों की हत्याएं। सही ढंग से इंवेस्टीगेशन नहीं होने से यह मामला सुलझ नहीं सका।
नहीं थम रहा हत्या और दुष्कर्म का केस..
हत्या का प्रयास और दुष्कर्म के मामले भी थम नहीं रहे हैं। जिले में 14 थाने और 2 चौकी है, जिनमें ऐसा कोई भी थाना/चौकी नहीं बचा, जहां लंबित अपराधों की फाइल सजी न हो। विवेचना में कमी के चलते ही कई मामले के अपराधी आज भी खुलेआम घूम रहे हैं। बाजार कुर्रीडीह निवासी महिला सागर बाई हत्याकांड को आज सालभर बीतने जा रहा है, फिर भी उसके कातिल कानून की गिरफ्त से बाहर है।
रिंकी गोस्वामी हत्याकांड बना सस्पेंस
इसी तरह शहर में अटल आवासी निवासी 7 वर्षीय मासूम बच्ची रिंकी गोस्वामी हत्याकांड का भी पर्दाफाश नहीं हो सका। मासूम के हत्यारे अब भी घूम रहे है। यही हाल गंगरेल बांध में गोविंदा हत्याकांड का भी है। इस मामले को भी तीन महीने से ज्यादा समय हो गए। पुलिस की जांच में कोई प्रोग्रेस नहीं आया।
ये है बड़ी वजह
धमतरी पुलिस के कामों को लेकर इन दिनों तरह-तरह की बातें हो रही है। दरअसल केस नहीं सुलझा पाने की बड़ी की बड़ी वजह यह है कि करीब 12 सौ अधिकारी-कर्मचारियों का सेटअप रहने के बाद भी पुलिसिंग में जैसी कसावट आनी चाहिए, लेकिन वह नजर नहीं आ रही। बल्कि और जिले में अपराध का ग्राफ बढ़ गया है। बीते छह महीने का क्राइम चार्ट देखें, तो दर्जनभर से ज्यादा लोगों की हत्याएं हो चुकी है।
इन हत्याकांडों ने लोगों को झकझोंर कर रख दिया..
गौरतलब है कि पिछले छह महीने में जिस तरह से धमतरी, कुरूद, मगरलोड, नगरी क्षेत्र में जघन्य घटनाएं हुई है, उससे आम जनता में असुरक्षा की भावना घर करने लगी है। मॉडल आंचल हत्याकांड, मिशन ग्राउंड में दुर्गेश यादव, गुजराती कालोनी में डा. प्रभाकर राव, पाहंदा की रूपा साहू तथा छिपली में हमाल योगेन्द्र साहू हत्याकांड ने तो लोगों को झकझोंर कर रख दिया हैं। अपराध और अपराधियों का हौसला बढ़ता ही जा रहा है। पुलिसिंग के नाम पर सिर्फ यहां खानापूर्ति हो रही है। गौरतलब है कि बढ़ते अपराधों को देखते हुए कई थाना प्रभारियों को भी बदल दिया गया है। इससे उम्मीद है कि मामलों का खुलासा होगा।
डीआईजी को लेना पड़ा एक्शन
जिला पुलिस मुख्यालय की सुस्त चाल के चलते ही खुद डीजीआई डीएम अवस्थी और आईजी डा. आनंद छाबड़ा को सख्त रूख अपनाना पड़ा। टीआई, एसआई, एएसआई समेत कई आरक्षकों पर निलंबन कार्रवाई के बाद भी पुलिसिंग में कसावट आती नहीं दिख रही।
रिंकी हत्याकांड समेत अन्य लंबित मामलों की जांच चल रही है। आसपास मुखबिरों का जाल बिछाया गया है। उम्मीद है जल्द ही आरोपी पकड़े जाएंगे।
बालाजी राव, एसपी

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