यह मामला नगरी ब्लाक मुख्यालय से करीब 35 किमी तथा खल्लारी थाना से महज 4 किमी दूर ग्राम जोगीबिरदो का है। बताया गया है कि गुरुवार रात करीब 11 से 12 बजे के बीच 20-25 हथियारबंद माओवादी गांव में पहुंचे और गांव को चारों ओर से घेर लिया। इसके बाद कुछ माओवादी सीधे शत्रुघन (25) पिता रामनाथ मंडावी के घर पहुंचे और उसे उठा लिया। इसके बाद प्राथमिक शाला के पास ले जाकर उसकी जमकर पिटाई की और इसके बाद उसके सीने पर कुल्हाड़ी से वार कर हत्या कर दी। सुबह उसकी लाश मिलने पर गांव में मातम पसर गया।
गौरतलब है कि लंबे समय से शत्रुघन माओवादियों का सहयोगी के रूप में काम कर रहा था। सूत्रों के अनुसार नोटबंदी के दौरान माओवादियों ने उसे पांच सौ और एक हजार रुपए का नोट एक्सचेंंज कराने के लिए दिया था। इस दरम्यान उसने कुछ पैसा अपने पास रख लिया। यही बात माओवादियों का नागुवार गुजरी रही। लेन-देन की बात को लेकर उनमें मतभेद हो गया। सूत्रों के मुताबिक शत्रुघन मंडावी गांव में किसानी का काम करता था। कहा जा रहा है कि उसकी हत्या में गोबरा दलम का हाथ है। कमांडर सेवक राम, महिला माओवादी सीमा आदि की टीम ने इस वारदात को अंजाम दिया। माओवादियों ने मृतक के जेब में एक पर्चा भी छोड़ा है।
पुलिस कर रही जांच पड़ताल
ऐसी चर्चा है कि शत्रुघन मंडावी बाद में पुलिस का मुखबिर बन गया। उसकी सूचना के आधार पर एक महीना पहले माओवादी जीवन लाल और उसके सहयोगी चन्द्रभान को गिरफ्तार किया गया। चूंकि शत्रुघन मंडावी माओवादियों के नेटवर्क को जानता था, इसलिए उन्होंने रास्ते से हटा दिया। बहरहाल, एसपी रजनेश सिंह के निर्देशन में एसडीओपी रितेश चौधरी समेत सिहावा, नगरी, खल्लारी, बोराई, मेचका थाना के अधिकारी जांच-पड़ताल में जुट गए है।