4 मार्च से शुरू हुए इस शिविर में धमतरी के अलावा कांकेर, गरियाबंद, कोंडागांव, बालोद, रायपुर समेत अन्य जिलों के मरीज लाभान्वित हुए। विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम ने उनका आधुनिक तरीके से इलाज किया। अंतिम दिन तो सुबह से ही मरीजों का भीड़ लगना शुरू हो गई थी। महिला, पुरूष पंजीयन काऊंटर में लंबी लाइन लगी हुई थी। भीड़ अधिक होने के कारण कई मरीजों को घंटों तक इलाज कराने के लिए इंतजार करना पड़ा। यहां ऐसे भी मरीज मिले, जो पत्रिका को पढक़र पहुंचे थे। वे सभी पत्रिका और डॉक्टरों को दुआएं देते हुए घर लौटे।
अपनी मां आशिया खातुन के साथ इलाज कराने पहुंची मदीना बानो ने बताया कि अगले महीने कक्षा 4 की परीक्षा है। पेट में दर्द होने से पढ़ाई करने में दिक्कत होती है। डॉक्टर ने दवाइ दी हैं, उम्मीद है कि जल्द ठीक हो जाउंगी।7 वीं छात्रा नूरजहां ने बताया कि हाथ-पैर में दर्द है। इस कारण पढ़ाई के दौरान परेशानी होती है। अब दर्द से छुटकारा मिल जाएगा।
एम्स और मेकाहारा रायपुर बुलाया गया है।
दवा लेते ही दर्द हुआ दूर
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इलाज कराने पहुंचे मुजगहन निवासी मनोज कुमार सिन्हा ने बताया कि महीनेभर से पेटदर्द से परेशान था। यहां के विशेष डॉक्टर ने जो दवाइयां लिखी थी, उससे दर्द ठीक हो गया। सेमरा की कुलेश्वरी साहू ने बताया कि घुटने में दर्द होने के कारण चलने में दिक्कत हो रही थी। घर से निकलना मुश्किल हो गया था। शिविर में इलाज कराने के बाद काफी राहत मिली। दानेश्वर साहू ने बताया कि पत्रिका समाचार के माध्यम से शिविर के बारे में जानकारी हुई।
मरीज इंद्र कुमार ने बताया कि प्राइवेट अस्पतालों में इलाज काफी महंगा हो गया है। पंजीयन के नाम से 2 सौ रुपए ले लिया जाता है। ऐसे समय में नि:शुल्क इलाज सुविधा मिलने से काफी राहत मिली है।