उल्लेखनीय है कि दो महीने पहले गरियाबंद के जंगल से भटक कर आए चंदा हाथी के नेतृत्व में हाथियों का दल अरौद डूबान क्षेत्र से विचरण करते हुए चारामा से भानुप्रतापपुर पहुंच गया था। कुछ दिन वहां घूमने के बाद फिर से वापस धमतरी डूबान क्षेत्र में पहुंच गया है। वन विभाग के सूत्रों के मुताबिक ओन्हा-कोन्हा के जंगल में चार दिन रूकने के बाद चंदा हाथी अपने साथियों के साथ कोड़ेगांव पहुंच गया था।
वहां उसने रास्ते में पंढरीपानी में उत्पात भी मचाया। भिड़ावर होते हुए वापस बांध किनारे पहुंच गया। इसके बाद किशनपुरी से गंगरेल बांध, को करीब 2 किमी तैरकर पहरियाकोन्हा पहुंच गए। बताया गया है कि हाथियों का दल इस समय पहरिया-कोन्हा के पहाड़ियों में डेरा डाले हुए हैं।