Chhattisgrh Liquor ban: शराबबंदी की बात कहकर सत्ता में आई कांग्रेस सरकार (Congress Govt) को अब अपना (CM Bhupesh Baghel) वादा पूरा करना चाहिए।
भड़के कॉलेज स्टूडेंट्स बोले- शराबबंदी करना भूल गई है कांग्रेस, अब 5 साल तक…
धमतरी. नशे का दानव शरीर को ही नहीं, समाज को भी खोखला (Chhattisgrh Liquor ban) कर रहा है। इस बुराई के खिलाफ युवा पीढ़ी को जागरूक करने की जरूरत है। शराबबंदी की बात कहकर सत्ता में आई कांग्रेस सरकार (Congress Govt) को अब अपना (CM Bhupesh Baghel) वादा पूरा करना चाहिए।
यह बात पीजी कालेज के छात्रों ने कही। शुक्रवार को पत्रिका टीम ने कालेज परिसर पहुंचने पर देखा कि केंटीन के आगे युवाओं की टोली शहर में गली-कूचों में बिकने वाली नशे के सामान और इससे होने वाले दुष्परिणाम को लेकर बातें कर रहे थे। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया के वे इस बुराई से दूर रहें और दूसरों को भी जागरूक करें। बीएससी फाइनल ईयर के छात्र खेमेन्द्र कुमार, खिलेश्वर, ऋषभ ठाकुर ने कहा कि नशापन आज इस कदर बढ़ गया है कि इसके दुष्प्रभाव से घर-परिवार और समाज कोई भी अछूता नहीं रहा।
आज का युवा, जीवन की वास्तविकताओं से बेखबर है। मात्र क्षणिक आनंद के लिए नशे के जाल में फंसकर संपूर्ण जीवन को विनाश की ओर धकेल रहा है। इसके लिए सिर्फ और सिर्फ प्रशासन तंत्र जिम्मेदार हैं, क्योंकि प्रतिबंध के बावजूद नशे का कारोबार फल फूल रहा है। अब तक किराना दुकानों में बिकने वाली सिलोसन, व्हाइटर जैसी चीजों का भी इस्तेमाल होने लगा है। एमए की छात्रा ममता साहू, कंचन यादव, संध्या ढीमर का कहना है कि युवा पीढ़ी के कंधों पर देश का भार है और वहीं इन दुव्र्यसनों का शिकार होता जा रहा है। समय रहते यदि धमतरी समेत प्रदेश में कदम नहीं उठाया गया, तो आने वाले समय में इसका दुष्परिणाम भुगतने के लिए हमें तैयार रहना होगा। क्योंकि नशे के गिरफ्त में आने के बाद लोगों में अपराध बोध जाग जाता है। इससे अशांति फैलने के साथ ही आपस में वाद-विवाद भी बढ़ जाता है।
वादा निभाएं सरकार छात्र केवल कुमार, हेमलाल सोनकर, बालभूषण साहू ने कहा कि युवावस्था में शारीरिक विकास हो रहा हो, तब मादक पदार्थों का सेवन शरीर को निष्क्रिय एवं अशक्त बना देता है। इस बात को हमें समझना होगा। खासकर युवाओं में शराब, भांग, चरस, सिगरेट, तंबाकू, बीड़ी, अफीम आदि का सेवन चिंता का विषय है। प्रदेश के कांग्रेस सरकार को नशाबंदी कर अपना चुनावी वादा पूरा करना चाहिए।
क्या कहते हैं छात्र नशापान आज घर-परिवार और समाज को खोखला कर रहा है। इससे व्यक्ति का जहां नैतिक पतन हो रहा हैं, वहीं इसका दुष्परिणाम परिजनों को भी भुगतना पड़ रहा है। समय रहते सरकार को इसकी रोकथाम की पहल करनी चाहिए। दुर्गेश सोनकर, कोलियारी
नशा मुक्त समाज बनाने के लिए युवाओं को आगे आकर पहल करना चाहिए, क्योंकि युवा वर्ग ही इससे ज्यादा प्रभावित है। शराबबंदी कर दिया जाए तो हजारों परिवारों को उजडऩे से बचाया जा सकता है। अगस्त दास, करेठा
जान बूझकर आफत मोल ले रहे छात्रों ने कहा कि हम नशापान के नुकसान जानते हुए भी इसका उपयोग करते रहते हैं। यह सही है कि इससे दुखों से क्षणिक छुटकारा मिलने का आभास जरूर होता है पर वास्तव में दुख मिटता नहीं हैं। वह तो जस के तस ही रहता हैं, लेकिन नशे के सेवन से आर्थिक एवं मानसिक क्षति हो हो रही है। ऐसा कर युवा अपने हाथों अपने ही विनाश को आमंत्रित कर रहा है।