उल्लेखनीय है कि नगरी ब्लाक के ग्राम फरिसयां निवासी टिकेश्वर शांडिल्य (32) पिता क्रांति कुमार शांडिल्य को सर्दी-बुखार के चलते बुधवार की देर शाम इलाज के लिए नगरी सामुदायिक अस्पताल लाया गया, जहां चेकअप के बाद उसे भर्ती कर लिया गया। इस बीच रात करीब 10 बजे अचानक टिकेश्वर की तबीयत बिगडऩे लगी। उसे तड़पते देख परिजनों ने तत्काल इसकी सूचना डॉ. नेताम को दी। मरीज की गंभीर हालत को देखते हुए डाक्टर नेताम ने मातहत स्टाफ को आक्सीजन चढ़ाने का निर्देश देकर अपने क्वार्टर चले गए।
डाक्टर के जाने के बाद अस्पताल स्टाफ काफी देर बाद आक्सीजन सिलेंडर लेकर आया, लेकिन वह भी खाली निकला। इधर, उसकी लगातार बिगड़ती हालत को देखकर पिता क्रांति कुमार, उसके छोटे पुत्र नोमेश्वर कुमार, कुलेश्वर कुमार तथा चचेरा भाई गुहाराम व पड़ोसी गोलू अस्पताल की अव्यवस्था को लेकर खूब हंगामा मचाया, जिसके बाद डाक्टरों ने किसी तरह दूसरे सिलेंडर की व्यवस्था की, लेकिन उसे लगाने वाला कोई कर्मचारी नहीं था।
इसके बाद मरीज की गंभीर हालत को देखते हुए ड्यूटी में तैनात नर्स ने रात करीब एक बजे डाक्टर को कॉल कर सारी स्थितियों से अवगत कराया, पश्चात डाक्टर अपने क्वार्टर से अस्पताल पहुंचा और मरीज की गंभीर स्थिति को बताते हुए परिजनों से तत्काल उसे धमतरी बठेना अस्पताल ले जाने की बात कही। पुत्र की जान बचाने के लिए इस पर भी राजी हो गए।
डाक्टर नेताम ने रिफर पर्ची भी बना दिया। इसके बाद एम्बुलेंंस को बुलाकर मरीज को शिफ्ट करने की तैयारी की। इस बीच परिजनों ने धमतरी अस्पताल जाते तक आक्सीजन सुविधा देने की मांग की, लेकिन उसकी बात को अनसुना कर दिया गया। बताया गया है कि मरीज को जैसे ही वाहन में शिफ्ट किया जा रहा था, तभी रात करीब सवा एक बजे उसकी मौत हो गई।
परिजनों का फूटा आक्रोश
युवक की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल में खूब हंगामा किया। मृतक के पिता क्रांति कुमार शांडिल्य ने कहा कि डाक्टरों की लापरवाही के चलते उसके पुत्र की मौत हो गई। उन्होंने शासन से इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कर दोषी डाक्टर और स्टाफ के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। बताया गया है कि मृतक के दो संतान है।
सीएमओ डॉ. डीके तुर्रे ने कहा कि युवक की मौत किन परिस्थतियों में हुई, इसकी जांच का आदेश दे दिए गए हैं। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।