एक मां 2 दिनों से बुखार में तपते बच्चे को अस्पताल लेकर जा रही है। लेकिन वहां उसका इलाज नहीं हो पा रहा है।
तेज बुखार में तपते बच्चे को लेकर अस्पताल पहुंची मां लेकिन नहीं हो पाया इलाज, जानिए वजह
धमतरी. एक मां 2 दिनों से बुखार में तपते बच्चे को अस्पताल लेकर जा रही है। लेकिन वहां उसका इलाज नहीं हो पा रहा है। छत्तीसगढ़ के धमतरी जिला अस्पताल में मरीजों और मासूम बच्चों के इलाज के लिए एक भी डॉक्टर नहीं है। ऐसे में महिलाओं को मायूस होकर लौटना पड़ रहा है। जिला अस्पताल की अव्यवस्थाएं सुधरने का नाम ही नहीं ले रही है। जबकि 1 दिन पहले ही कलक्टर रजत बंसल ने इस अस्पताल का औचक निरीक्षण किया था। फिर भी स्थिति वही की वही बनी हुई है।
गुरूवार को कलक्टर रजत बसंल और जिला पंचायत सीईओ विजय दयारामने जिला अस्पताल का निरीक्षण कर यहां एसएनसीयू और पेयोड्रिक वार्ड में डाक्टरों को अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने के लिए निर्देशित किया था। लेकिन उनके आदेश का पालन होता नहीं दिख रहा है। पत्रिका ने शुक्रवार को जिला अस्पताल का मुआयना किया। देखा गया कि नए ओपीडी में महिलाएं अपने बच्चों को लेकर डॉक्टरों का इंतजार कर रही थी।
दो घंटा की प्रतीक्षा के बाद भी जब शिशु रोग विशेषज्ञ नहीं आए, तो पालकोंं ने मितानिन हेल्प डेस्क में जाकर पूछताछ की, तो पता चला कि शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ बीके साहू टे्रनिंग में गए हैं। जबकि एक अन्य डॉक्टर अखिलेश देवांगन किसी कारण से छुट्टी पर हैं। ऐसे में डॉक्टर नहीं मिलने से वे उल्टे पांव वापस लौट गई। एक जानकारी के अनुसार ओपीडी मेंं रोजाना 450 से अधिक मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं, जिसमें शिशुवती महिलाओं और बच्चों की संख्या करीब 30 फीसदी से अधिक होती है। अस्पताल प्रबंधन की ओर से डॉ मोनिका अग्रवाल की ड्यूटी लगाई गई थी, लेकिन वे भी अपने कक्ष से नदारद रही।