गर्मी के शुरू होते ही हुई पानी की किल्लत, वाटर फिल्टर प्लांट से भी नहीं हो रही जलापूर्ति
14.30 मिलियन लीटर प्रतिदिन पेयजल आपूर्ति वाले फिल्टर प्लांट लगाने के बाद भी शहर के कई वार्डों में पानी की समस्या बनी हुई है

शैलेन्द्र नाग@धमतरी. करीब 14.30 मिलियन लीटर प्रतिदिन पेयजल आपूर्ति वाले फिल्टर प्लांट लगाने के बाद भी शहर के कई वार्डों में पानी की समस्या बनी हुई है । जल वितरक पाइप लाइन बिछाने में मानकों का पालन नहीं करने के कारण ही सैकड़ों टेप नलो तक पानी नहीं पहुंच रहा । फलता एक-एक बाल्टी पानी के लिए महिलाओं को जद्दोजहद करना पड़ रहा है।
उलेखनीय है कि रविवार को टीम पत्रिका सुबह 8 बजे जलसंकट वाले कुछ वार्डो जायजा लिया , तो देखा कि वहां महिलाएं एक-एक बाल्टी पानी के लिए संघर्ष कर रही है। महंत घासीदास वार्ड में जालमपुर स्कूल के सामने बस्ती में पिछले कई महीनों से एक नल सूखे पड़े हुए हैं ।
युवा सुनील कुमार ने बताया कि 3 महीने पहले यहां नल से पर्याप्त पानी मिल जाता था, लेकिन अब पानी की समस्या हो गई है । गाड़ापारा बस्ती में भी लोगों को खाली बर्तन लेकर पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है । यहां रहने वाले चितर सिंह दुर्गा बताया कि भागीरथी नल जल योजना के तहत बस्ती में नल कनेक्शन तो दे दिया है, पर इसमें पर्याप्त पानी ही नहीं आता ।
इसके थोड़ा आगे जाने पर सल्हेवार पारा के जैतखाम के पास कुछ महिलाएं एकत्रित थी, यहां एक घर के सामने में पानी भर रही महिला राजकुमारी बाई, सुमन बाई ने बताया कि बस्ती के मेन गली में महीनों से पानी नहीं आ रहा । ढलान में रहने वाले कुछ घरों में ही पानी आ रहा है, जबकि यहां भी से ज्यादा घरों में पिछले साल भर से बंद है । युवा देवेंद्र कुमार पारस राम ने बताया कि इसकी शिकायत लेकर वे कई बार निगम दफ्तर गए ,पर हर बार सिर्फ आश्वासन ही मिला ।
फिल्ड में नहीं दिखते अमला
दानीटोला के गौरव चौक में पेयजल आपूर्ति के लिए निगम प्रशासन की ओर से प्लास्टिक टंकी तो लगाई गई है , लेकिन इसमें भी लोगों को राहत नहीं मिल रही। वार्डवासी एलके कोस्टा, मालती साहू, कविता ध्रुव का कहना है कि पेयजल आपूर्ति के लिए निगम में भारी भरकम संसाधन रहने के बाद भी इसका उचित मैनेजमेंट नहीं हो रहा। जिस कारण बस्तियों में जल संकट गहराने लगा है । यदि निगम का मैदानी अमला सुबह -शाम बस्तियों में सर्वे कर समस्याओं से रूबरू हो, तो काफी हद तक पानी की समस्या का समाधान हो सकता है.

संसाधन एक नजर में निगम
सूत्रों के मुताबिक शहर में पेयजल आपूर्ति के लिए महानदी मुख्य नहर किनारे करीब 35 करोड़ की लागत से 14.30 मिलीयन लीटर प्रतिदिन क्षमता वाले वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाया गया है , जहां से 34 किलोमीटर लंबी राइजिंग मैन पाइप के सहारे शहर के 10 अलग-अलग वार्डो में ओवर हेड पानी टंकियों में ट्रीटमेंट के बाद पानी पहुंचाया जाता है।
इसके बाद 80 किलोमीटर लंबी जल वितरण पाइप लाइन के जरिए 17 हजार भागीरथी नल कनेक्शन में पानी की आपूर्ति की जाती है, लेकिन इसमें से 3 हजार से ज्यादा नल कनेक्शन टेल एरिया में होने से वहां तक पानी नहीं पहुंच पाता । यही कारण है कि अधिकांश स्लम बस्तियों में पानी की समस्या घर आने लगी है। यदि समय रहते पेयजल व्यवस्था को दुरुस्त नहीं किया गया , तो आने वाले समय में पानी के लिए शहर में लोगों को काफी जद्दोजहद करना पड़ेगा।
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