केन्द्र सरकार की ओर से नगदी को हतोत्साहित करने और कैशलेस सिस्टम को डेव्हलप करने के लिए बैंकिंग सेक्टर मेंं कई अमूलचूल परिवर्तन किया गया है। इसके तहत बैंक प्रबंधनों को ओर से प्रत्येक उपभोक्ताओं को रूपे कार्ड, डेबिड कार्ड और एटीएम कार्ड उपलब्ध कराया जा रहा है, लेकिन इसकी सुरक्षा को लेकर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
यही कारण है कि एटीएम ठगी के मामले में अप्रत्याशित रूप से वृद्धि हुई है। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों आरबीआई ने देश में बढ़ते एटीएम ठगी के मामले को गंभीरता से लेते हुए बैंकर्स को अपने उपभोक्ताओं को चिपयुक्त एटीएम और डेबिट कार्ड उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था, इसके तहत यह सेवा भी उन्हें उपलब्ध करा दी गई, लेकिन एटीएम ठगी करने वाले गिरोह ने इसका भी तोड़ निकाल लिया है।
एक जानकारी के अनुसार बीते चार माह मेंं एटीएम ठग ने अलग-अलग आठ व्यक्तियों से दो लाख से अधिक की ठगी की गई है। सभी मामलों में पुलिस में शिकायत भी दर्ज हुई है। इसके बाद भी अब तक ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश नहीं हो सका है। ऐसे में आम उपभोक्ताओं की परेशानी बढ़ गई है। जानकारों की मानें तो पिछले कुछ सालों में एटीएम ठगी करने तरीका भी बदल गया है।
पहले ठग एटीएम को एक्टिव करने का झांसा देकर कार्ड का १६ डिजिट का सीसीवीवी और एटीएम पिन नंबर पूछ लेता था, लेकिन अब ठग मोबाइल नंबर को ट्रेस कर संबंधित व्यक्ति को सिम कार्ड बंद होने की जानकारी देता है और एक्टिव कराने के लिए प्रोसेस करने के लिए कहता है। जैसे ही संबंधित व्यक्ति इसे फॉलो करता है, ठग उसके सिम का क्लोनिंग बना लेता है। इस तरह वह ठगी को अंजाम देता है, लेकिन लोगों को इसकी जानकारी नहीं है।
मिले हैं अहम सुराग
उधर पुलिस का कहना है कि एटीएम ठगी करने वाले गिरोह ने पटना के किसी एटीएम से ट्रांजेक्शन किया है। उन्हें कुछ अहम सुराग हाथ लगा हैं। जल्द ही पुलिस की एक टीम को पटना रवानाकर इसकी तफ्तीश की जाएगी। बहरहाल पुलिस हवा मेंं हाथ-पैर मार रही है।