उल्लेखनीय है कि बीते 3 जून को गरियाबंद के जंगल से भटककर 21 हाथियों का दल धमतरी जिले में प्रवेश किया था। तीन दिनों तक मोहरा, मोहंदी, सिंगापुर के जंगल में भटकने के बाद चंदा हाथी का यह दल सीधे गंगरेल बांध के डूबान क्षेत्र में आ पहुंचा। इस बीच चंदा हाथी के शावक की उरपुटी के डूबान मेंदलदल में फंसकर मौत हो गई। इसके बाद से महीनेभर वे घटनास्थल के आसपास के जंगल में ही विचरण करते रहे। दर्जनभर किसानों की बाड़ी में पहुंचकर केला पेड़ को नुकसान भी पहुंचाया।
अब इन हाथियों का दल नकटी देउर में मंदिर क्षेत्र को छोड़कर अन्यत्र जारहा है। गुरुवार की रात से चंदा हाथी अपने दल के साथियों के साथ गेदरा पारा के जंगल से होते हुए बिलारी डायवर्सन, सायफन पारा माडमसिल्ली के जंगल में पहुंच गई। अब उनका रूख बनरौद के ऊपर से फुटहामुड़ा की ओर आ रहा है। इससे इस क्षेत्र के ग्रामीणों में दहशत काआलम है। कुकर के कालेश्वर ठाकुर, रोहित दास मानिकपुरी ने बताया कि दोपहर में गेदरा पारा के जंगल में हाथियों को देखा गया है। उन्हें डर है कि कहीं वे फुटहा मुढ़ा डूबा में न पहुंच जाए। ऐसा हुआ तो क्षेत्र के ग्रामीणों की मुसीबतें बढ़ जाएगा।