मंगलवार को रामलीला मैदान में आयोजित दो दिवसीय धरना सभा में सीटू के राज्य सचिव अजीतलाल ने कहा कि केन्द्र सरकार की जनविरोधी नीतियों के चलते देश में महंगाई अपनी चरम सीमा पर हैं। शासकीय हो या अद्र्धशासकीय कोई भी सेक्टर इसके प्रभाव से अछूता नहीं है। दिनों-दिन बेरोजगारी बढ़ रही हैं, लेकिन मोदी सरकार को आम जनता की कोई परवाह नहीं है। पहले नोटबंदी और इसके बाद में जीएसटी लागू होने से देश की आर्थिक व्यवस्था बिगड़ गई है। कर्मचारी नेता कृपाशंकर मिश्रा, लोकनाथ देवांगन, रेवती वत्सल, चंदूलाल चन्द्राकर ने कहा कि मोदी सरकार ने अच्छे दिन का वायदा कर देश को महंगाई की भ_ी में झोंक दिया है। भ्रष्टाचार और बेरोजगारी बढ़ी है।
महिलाओं के प्रति हिंसा बढ़ी हैं, लेकिन राहत दिलाने के नाम पर कोई प्रयास नहीं हो रहा। आर्थिक मंदी से सर्वहारा वर्ग परेशान हैं। प्रदर्शन में कामरेड महेश शांडिल्य, मणीराम देवांगन, होलाराम परिहा, संतराम, लक्ष्मण देवांगन, अंजनी ध्रुव, तामेश्वरी देवांगन, अनुसुईयां कंडरा, ईश्वरी देवांगन, कांति देवांगन, हीरा बाई साहू, मोहिनी देवांगन, टिकेश्वरी बाई, समारू राम, मुन्नी गौतम, पुरूषोत्तम साहू, खूबीराम देवांगन, परसराम सेन, जेठूराम समेत बड़ी संख्या में केन्द्रीय टे्रड यूनियनों व कर्मचारी संघों के प्रतिनिधि मौजूद थे। बुधवार को शहर में रैली निकाल कर एसडीएम कार्यालय का घेराव किया जाएगा।
…तो पड़ेगा महंगा
कर्मचारी नेता एलआर मगर ने कहा कि अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे शासकीय, अद्र्धशासकीय कर्मचारियों ने पूर्व में अपनी मांगें पूरी नहीं होने पर सरकार को बदलने की चेतावनी दी थी और यह काम कर्मचारियों ने करके भी दिखा दिया। यदि अब भी राज्य सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करेगी, तो इस सरकार को भी सबक सिखाने से पीछे नहीं हटेंगे।
कर्मचारियों का शोषण
मजदूर नेता समीर कुरैशी, राजेन्द्र चन्द्राकर, यशकरण गजेन्द्र ने कहा कि आज बीड़ी उद्योग हो या बीमा, बैंकिंग सेक्टर सभी जगह मजदूर, कर्मचारियों का शोषण हो रहा है। केन्द्र सरकार ने पेंशन को लेकर जो नियम लाया हैं, वह कतई श्रमिकों के हित में नहीं है, इसलिए तत्काल वर्ष-2004 में लाए गए पेंशन सुधार अधिनियम को निरस्त कर पूर्व पेंशन नियम को लागू किया