उल्लेखनीय है कि धमतरी जिले में पहले ही वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्थिति तक पहुंच गया है। राइस मिलों की चिमनियों और वाहनों से से निकलने वाले कार्बन मोनोक्साड जैसे जहरीली गैस से यहां का वातरण प्रदूषित हो गया है। इसे छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल ने भी गंभीरता से लिया है। बताया गया है कि मंडल अधिकारी ने दिवाली के समय पटाखों से उत्पन्न होने वाले प्रदूषण से पर्यावरण को बचने के लिए जिला प्रशासन को पत्र प्रेषित कर जिले में इसका सख्ती से पालन कराने के लिए कहा है। इसके तहत दिवाली या अन्य त्यौहारोंं के मौके पर पटाखे फोडऩे का समय तय किया गया है। बताया गया है कि नागरिक दिवाली के दिन रात 8 बजे से 10 बजे तक ही पटाखा फोड़ सकेंगे।
निगरानी के लिए राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से अलग से मॉनिटरिंग टीम का गठन भी किया गया है, जो दिवाली के एक सप्ताह तक एम्बिएंट एयर क्वालिटी क्राइटेरिया वेल्यू में निर्धारित रेग्यूलेटरी पैरा मीटर्स के अतिरिक्त एल्यूमिनियम, बेरीयम और आयरन की मात्रा का रिपोर्ट पर्यावरण मंडल को प्रस्तुत करेंगे।