उल्लेखनीय है कि वर्ष-2005 में 16 जून को जिला पंचायत के तत्कालीन सीईओ टोपेश्वर वर्मा ने शिक्षाकर्मी वर्ग-2 में 237 पद पर नियुक्ति के लिए आदेश जारी किया था। आरटीआई कार्यकर्ता कृष्ण कुमार साहू ने सूचना के अधिकार के तहत जो दस्तावेज हासिल किए उसमें भर्ती प्रक्रिया में व्यापक अनियमितता का मामला उजागर हुआ था।
इसकी शिकायत करने पर तात्कालीन प्रशासन ने चार सदस्यीय टीम बनाकर जांच कराई, जिसमें अनियमितताओं की पुष्टि भी हुई। जांच कमेटी ने 27 पृष्ठों की अपनी रिपोर्ट तत्कालीन कलक्टर, सीईओ और एसपी को दे दिया। बाद में मामले की गंभीरता को देखते हुए तात्कालीन कलक्टर एनएस मंडावी ने 6 दिसंबर 2012 को अपने पत्र क्रमांक-4281 में इस मामले की जांच के लिए फाइल को सीआईडी दफ्तर भेजने की घोषणा की। विडंबना यह है कि आज 6 वर्ष बीत जाने के बाद भी यह फाइल सीआईडी दफ्तर नहीं पहुंची।