scriptDhamtari News: आखिरकार पकड़ा गया खूंखार तेंदुआ, तीन बच्चों को बना चुका था शिकार | Finally dangerous leopard was caught, released in Khallari forest | Patrika News
धमतरी

Dhamtari News: आखिरकार पकड़ा गया खूंखार तेंदुआ, तीन बच्चों को बना चुका था शिकार

Dhamtari News: वन विभाग की मेहनत रंग लाई। वन विभाग द्वारा लगाए गए पिंजरे में आखिरकार एक तेंदुआ कैद हो ही गया, जिसे सिहावा थाना परिसर में रखा गया।

धमतरीOct 22, 2021 / 10:51 am

Ashish Gupta

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Dhamtari News: आखिरकार पकड़ा गया खूंखार तेंदुआ, तीन बच्चों को बना चुका था शिकार

धमतरी. Dhamtari News: वन विभाग की मेहनत रंग लाई। वन विभाग द्वारा लगाए गए पिंजरे में आखिरकार एक तेंदुआ कैद हो ही गया, जिसे सिहावा थाना परिसर में रखा गया। मिली जानकारी के वन विभाग की टीम तेंदुआ को पकड़ने के लिए सिहावा इलाके में अलग-अलग स्थान केज लगाए हुए है। वहीं आज तड़के सुबह सिहावा श्रृंगीऋषि पहाड़ी गुफा के नीचे रखे पिंजरे में एक तेंदुआ कैद हो गया है। बता दें कि सिहावा- नगरी इलाके में इन दिनों तेंदुआ का जबरदस्त आतंक छाया हुआ है, जिससे लोगों में काफी दहशत है।
बीते 11 अक्टूबर को देर शाम तेंदुआ ने उड़ीसा के नवरंगपुर, कुंदई से परिजन के साथ श्रृंगीऋषि दर्शन करने आये 6 साल बालक अविनाश मरकाम पर हमला कर उसे मौत के घाट उतार दिया था। जिसके बाद लोग वन विभाग के खिलाफ काफी आक्रोशित हुए थे और सिहावा बस स्टैंड में चक्काजाम कर दिए थे। जिसके बाद वन विभाग लगातार नजर बनाए हुए थे। बता दें कि इलाके में तेंदुए के हमले से अब तक तीन बच्चों की जान जा चुकी है।
तेंदुआ की पिंजरे में कैद होने की खबर सुनकर उसे देखने लोगों की भारी संख्या में भीड़ जुट गई। इधर, मौके पर एसडीओ हरीश पांडे, बिड़गुड़ी रेंजर दीपक गावड़े सहित वन विभाग की टीम, सिहावा पुलिस और स्थानीय जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। इस मामले में एसडीओ हरीश पांडे ने बताया कि एक तेंदुआ पकड़ाया है, जिसे दूर टाइगर रिजर्व के जंगल में कम आबादी वाला क्षेत्र में छोड़ा जाएगा। तेंदुआ आदमखोर की नहीं, नर है कि मादा, कितने वर्ष का है, बच्ची पर हमला करने वाला यहीं तेंदुआ है कि नहीं ये अभी स्पष्ट नहीं है।
काग्रेस कमेटी प्रदेश उपाध्यक्ष व पूर्व विधायक अंबिका मरकाम का कहना है कि पकड़े हुए तेंदुए का विशेषज्ञ डॉक्टर से जांच कराया जाना चाहिए। अगर तेंदुआ आदमखोर है तो जंगल सफारी मे छोड़ा जाए, लेकिन इसे रिजर्व फारेस्ट के खल्लारी जंगल में बगैर जाच के छोड़ा जा रहा है, जहां हमेशा ग्रामीणों को खतरा रहेगा और ये तेंदुआ फिर यहा वापस आ सकता है।
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