उल्लेखनीय है कि हरेली पर्व के बाद से ही प्रदेश में त्यौहारी सीजन शुरू हो जाता है। करीब एक माह बाद दीपावली का पर्व मनाया जाएगा। इस पर्व में दूध और इससे बने मिठाईयों की अच्छी खासी डिमांड रहती है। यही कारण है कि जिले में इन दिनों दूध की खपत बढ़ गई है, लेकिन खपत के अनुसार दूध की सप्लाई नहीं हो रही है। ऐसे में कुछ डेयरी संचालक मुनाफा कमाने के लिए मिलावटी दूध बेच रहे है।
इस मामले का लेकर पत्रिका ने प्रमुखता से सामाचार प्रकाशित किया था, जिसे बाद खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने तत्काल विभागीय अधिकारी मीनाक्षी वैष्णव के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया, जिसमें अक्षय सोनी, अहसान तिग्गा, गिरजा शंकर वर्मा, निकिता श्रीवास्तव, संदीप सूर्यवंशी को शामिल है। उन्होंने सर्वप्रथम रत्नाबांधा चौक स्थित हॉटल में दबिश दी।
यहां दूध का सेंपल लिया गया। इसके बाद दुर्गा डेयरी, पुरूषोत्तम डेयरी, लक्की डेयरी से भी दूध का नमून लिया गया। इसी तरह ग्राम सेहराडबरी और पुरी मेंं संचालित डेयरियोंं से दूध का सेंपल लेकर इसे जांचा गया। अमानक पाए जाने वाले दूध को तत्काल डिस्पोज कराया गया। इसके अलावा डेयरी संचालक के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
अधिकारी खाद्य एवं औषधि प्रशासन, मीनाक्षी वैष्णव बताया त्यौहारी सीजन को देखते हुए डेयरियोंं से दूध का सेंपल लिया जा रहा है। हॉटलोंं में भी दबिश दी गई। अमानक पाए जाने पर संबंधित हॉटल और डेयरी संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।