scriptजिले के जनऔषधि केन्द्रों 5 सौ प्रकार की जेनेरिक दवाइयां रखना छोड़, बेच रहे हैं खुलकर ब्रांडेड दवा | Generic drugs are left to leave openly expensive medicines | Patrika News

जिले के जनऔषधि केन्द्रों 5 सौ प्रकार की जेनेरिक दवाइयां रखना छोड़, बेच रहे हैं खुलकर ब्रांडेड दवा

locationधमतरीPublished: Apr 02, 2018 03:37:45 pm

Submitted by:

Deepak Sahu

अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में मरीजोंं को ब्रांडेड दवाइयां थमाई जा रही है

chhattisgarh health news

जिले में जनऔषधि केन्द्रों में नियम को ताक मेंं रखकर अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में मरीजोंं को ब्रांडेड दवाइयां थमाई जा रही है। यहां मापदंड के अनुसार जरूरी दवाईयों का स्टाक भी नहीं है। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग मौन है।

धमतरी.मरीजों को सस्ते दर पर अच्छी क्वालिटी की दवाई उपलब्ध कराने के उद्देश्य से केन्द्र सरकार ने 1 जुलाई 2015 से प्रत्येक राज्य मेंं बड़ी संख्या में जनऔषधि केन्द्र की स्थापना की है। इसका मुख्य उद्देश्य मरीजों को 20 से 30 फीसदी कम कीमत में दवाईयां उपलब्ध कराना है।

इसी के तहत धमतरी जिले में भी 4 औषधि केन्द्रोंं की स्थापना की गई है। एक जानकारी के अनुसार इन केन्द्रों मेंं मल्टीविटामिन, पैरासिटामल, सीरप समेत करीब 5 सौ प्रकार की जेनेरिक दवाईयां रखना अनिवार्य है, लेकिन इसके संचालक नियमों को ताक में रखकर जेनेरिक दवाईयों की आड़ में मरीजों को ब्रांडेड दवाईयां थमा रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि पूर्व में जिले की एक जनऔषधि केन्द्र में ब्रांडेड दवाईयां बेचने का मामला प्रकाश मेंं आया था। कलक्टर ने इसे गंभीरता से लेते हुए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियोंं की खूब खबर ली थी। यहीं नहीं अधिकारियों को टीम गठित कर जनऔषधि केन्द्रोंं की जांच का आदेश भी दिया था। कुछ दिनों तक सब कुछ ठीक रहा, लेकिन वर्तमान में स्थिति जस की तस हो गई है।

नागरिक दीनू मंडावी ने बताया कि जनऔषधि केन्द्रों में दवाईयों का पर्याप्त स्टाक नहीं रहता है। ऐसे में मजबूरी में निजी स्टोर से दवाईयां खरीदना पड़ रहा है।

जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ डीके तुर्रे ने बताया कि शासन के गाइड लाइन के अनुसार जिले मेंं जनऔषधि केन्द्रों का संचालन किया जा रहा है। ब्रांडेड दवाईयां बेचने की शिकायत नहीं मिली है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो