सोमवार को मानदेय बढ़ाने की अपनी एक सूत्रीय मांग को लेकर कलक्ट्रेट पहुंची महिला सफाई कर्मी सुनीता बाल्मिकी, मोमित यादव, सुशीला बाल्मिकी ने कहा कि पिछले आठ सालों से वे लोग जिला अस्पताल में साफ-सफाई का काम कर रही है। झाडू-पोंछा से लेकर कचरा उठाने तक का काम करती हैं, लेकिन उन्हें पर्याप्त मानदेय नहीं मिल रहा। उन्होंने आगे कहा कि पिछले छह साल तक उन्हें सिर्फ 15 सौ रुपए मासिक मानदेय दिया गया। दो साल पहले आवाज उठाई तो इसे बढ़ाकर 28 सौ रुपए किया गया, लेकिन आज महंगाई के इस दौर में 28 सौ रुपए मासिक मानदेय में घर का खर्च चलाना मुश्किल हैं।
महिला संध्या बाल्मिकी, अंजनी साहू, लक्ष्मी गुप्ता ने कहा कि सफाई ठेका के नाम पर उनका शोषण ही हो रहा है। कम मानदेय में उनका गुजारा मुश्किल हैं। अस्पताल और जिला प्रशासन को संज्ञान में लेकर कम से कम कलक्टर दर दिलाना चाहिए। उनकी बातों को गंभीरता से सुनने के बाद अपर कलक्टर केआर ओगरे ने सीएमओएच को उचित कार्रवाई का निर्देश दिया। प्रदर्शनकारियों में मनीषा बाई, मीना बाई, सरस्वती बाई, लता बाई, तारा बाई, लक्ष्मी बाई आदि शामिल थीं।