scriptबांधों की सुरक्षा को लेकर बरती जा रही अनदेखी, छोटी सी चूक पड़ सकती हैं महंगी | Ignoring the safety of the dams in dhamtari chhattisgarh | Patrika News

बांधों की सुरक्षा को लेकर बरती जा रही अनदेखी, छोटी सी चूक पड़ सकती हैं महंगी

locationधमतरीPublished: Sep 10, 2018 01:40:33 pm

Submitted by:

Deepak Sahu

मेंंटनेंस को लेकर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है

cg news

बांधों की सुरक्षा को लेकर बरती जा रही अनदेखी, छोटी सी चूक पड़ सकती हैं महंगी

धमतरी. छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले मेंं सिंचाई क्रांति लाने के उद्देश्य से करीब 40 साल पहले 36.950 करोड़ की लागत से रविशंकर गंगरेल जलाशय का निर्माण किया गया था। तब से लेकर अब तक बांध की स्थिति जस की तस बनी हुई है। इसमें मेंंटनेंस को लेकर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि इस साल अच्छी बारिश होने से 32.150 टीएमसी क्षमता वाले गंगरेल बांध में वर्तमान में 31.450 टीएमसी पानी भरा हुआ है। इसी तरह जिले के मुरूमसिल्ली, दुधावा और सोंढूर बांध भी पानी लबालब है। इसके बावजूद इसकी सुरक्षा को लेकर लगातार अनदेखी की जा रही है। सूत्रों की मानें तो सिंचाई विभाग की ओर से सात साल पहले बांध की भौतिक और तकनीकी सुरक्षा, मेंटनेंस समेत अन्य कार्यों के लिए करीब १५० करोड़ रूपए का प्रस्ताव बनाकर भेजा गया था। इसे स्वीकृति तो मिल गई, लेकिन वित्तीय स्वीकृति नहीं मिलने से मेंटनेस का कार्य अधर में लटक गया है।
वर्तमान में गंगरेल बांध में भरे लबालब पानी और यहां के प्राकृतिक सौैंदर्यता को निहारने के लिए भी धमतरी, रायपुर समेत जिले के अन्य क्षेत्रों से बड़ी संख्या में सैलानी पहुंच रहे हैं। इसके बावजूद यहां सुरक्षा की पर्याप्त इंतजाम नहीं है। कोई रोकटोक करना वाला नहीं होने के कारण सैलानी प्रतिबंधित एरिया में प्रवेश कर रहे हैं। उधर रूद्री पुलिस भी रेग्यूलर गश्त नहीं कर रही है। ऐसे में कभी भी गंभीर हादसा हो सकता है।
सीसी टीवी कैमरे भी हो गए खराब
बांध की सुरक्षा की जिम्मेदारी ४ चपरासी और कुछ डंडाधारियों के भरोसे हैं। बताया गया है कि यहां दिन और रात मेंं 3-3 डंडाधारियों की ड्यूटी लगाई जाती है। हालंाकि बांध के बैरियर क्षेत्र में 4 और कंट्रोल रूम 1 सीसी टीवी कैमरा लगाया गया है। पिछले दिनों आकाशीय बिजली गिरने से ये सभी कैमरे बंद पड़े हुए हैं, लेकिन इसे सुधारने के लिए कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। ऐेसे में बांध की सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़ा हो रहा है।
हो सकती है जन-धन की हानि
सैलानी रूपेश्वर कुमार, अखिलेश देवांगन का कहना है कि धमतरी जिला माओवाद प्रभावित क्षेत्र हैं, जिसके चलते समय-समय पर यहां माओवादी घटनाएं होते रहती हैं। ऐसे में यदि गंगरेल बांध की सुरक्षा में छोटी सी चुक होती है, तो यह लोगों को महंगी पड़ सकती है, इसलिए जिला प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए।
रात को बढ़ा खतरा
उधर मुरूमसिल्ली बांध में भरपूर पानी होने पर सायफन सिस्टम होने के चलते यहां से आटोमेटिक पानी डिस्चार्ज होता रहता है, जिसे देखने के लिए बड़ी दूर-दूर से सैलानी पहुंचते हैं। देखा गया है कि रात में भी यहां संदिग्ध लोग मंडराते रहते हैं। मजेदार बात यह है कि यहां भी सुरक्षा के मद्देनजर जवानों की तैनाती की गई और न ही सीसी टीवी कैमरा लगाए गए।
ईई जल संसाधन विभाग के अजय ठाकुर ने बताया बांध की सुरक्षा के लिए अलग-अलग शिफ्ट में चौकीदार की ड्यूटी लगाई जाती है। खराब सीसी कैमरो को जल्द ही सुधार लिया जाएगा।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो