जन्माष्टमी की रात मंदिर में भगवान कृष्ण के मुकुट पर मोर पंख लगाएं अौर उनका पूजन करें। उसके बाद 40वें दिन उस मोर पंख को लेकर तिजोरी में रख दें। इससे धन अौर यश आपकी तरफ खिंचा आएगा।
11 मोर पंखों से निर्मित पंखा शयनकक्ष की पश्चिम दीवार पर लगाएं। प्रतिदिन उस पंखे से एक बार खुद को हवा लें। इससे भाग्य आपका साथ देने लगेगा।
जन्माष्टमी की रात तकिए के नीचे सात मोर पंख रखें। इससे कुंडली के कालसर्प दोष दूर होते हैं।
मोरपंख पर शत्रु का नाम लिखकर जन्माष्टमी की रात भगवान कृष्ण के मंदिर में रख दें। अगले दिन सुबह उठकर बिना नहाए अौर किसी से बात किए बिना उस मोर पंख को बहते जल में प्रवाहित कर दें या किसी पेड़ के नीचे दबा दें। ऐसा करने से शत्रु का भय खत्म हो जाएगा। बल्कि वे मित्र बन जाएंगे।
यदि आपके पास धन आता तो है लेकिन बहुत जल्द खर्च हो जाता है तो ऐसे में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की रात 11 पीली कोड़िया रखकर 12 बजे श्री विष्णु का देवी लक्ष्मी के संग पूजन करे। जब पूजन सामग्री समेटनी आरम्भ करे तब कौड़ियो को उठाकर लाल कपड़े के बांधकर तिजोरी में रख ले।