गजब की है ये जड़ी बूटी, खूबियां जानकर रह जाएंगे हैरान, इन बीमारियों की है रामबाण दवा
इस फर्जी डिग्री के सहारे कई लोगों को नौकरी मिलने की शंका हुई, तो सूचना के अधिकार के तहत शिक्षा मंडल से अंकसूची की सत्यापित प्रतिलिपि निकलवाई गई। शिक्षा मंडल से जो ओरिजनल अंकसूची की कापी सामने आई हैं, उस मुताबिक नगरी जनपद में एक-दो नहीं, बल्कि 16 अपात्रों को फर्जी डिग्री के सहारे नौकरी दे दी गई है।मामला टांय-टांय फिस्स
सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी के मुताबिक वर्ष-2007 में चयन एवं छानबीन समिति के सदस्यों ने अभ्यर्थियों के दस्तावेजों का सत्यापन के समय फर्जी प्रमाण पत्र का मूल प्रमाण पत्र से बिना मिलान व छानबीन किए बिना बनावटी अंकों में मेरिट सूची तैयार कर 16 अपात्र लोगों को नौकरी दे दिया। अनियमितता का यह मामला उजागर होने पर इसकी जांच भी शुरू की गई, लेकिन बाद में मामला टांय-टांय फिस्स हो गया।
अब जांच को लेकर जागी उम्मीद
मयदस्तावेजों के साथ शिकायतकर्ता कृष्ण कुमार साहू ने तत्कालीन जिला पंचायत और कलक्टर से शिकायत भी की, लेकिन यह मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। चूंकि शिक्षाकर्मी वर्ग-2 में 42 शिक्षकों के फर्जीवाड़े को वर्तमान कलक्टर और सीईओ ने गंभीरता से लेकर जांच कराई और इसमें शिकायतों की पुष्टि होने के बाद अब वर्ग-3 के मामले को लेकर भी न्याय की उम्मीदें जागी है।Job Fraud in Chhattisgarh