कांग्रेस की ओर से युवा तपन चंद्राकर और देवव्रत साहू के अलावा पूर्व विधायक लेखराम साहू, राजकुमार अग्रवाल की कुशल रणनीति के तहत कांगे्रस को सफलता मिली है। सूत्रों का कहना है कि भाई-भतीजावाद के चलते भाजपा को काफी नुकसान हुआ है। यहां भाजपा के ही कुछ वरिष्ठ नेता टिकट वितरण को लेकर असंतुष्ट थे। बताया गया है कि चुनाव में उन्होंने जमकर भीतरघात किया है।
मगरलोड में कांग्रेस को शानदार सफलता मिली है। 15 में से 8 वार्डों में कांग्रेस तथा ४ वार्डों में भाजपा तथा 3 वार्डों में निर्दलीय प्रत्याशी सफल हुए हैं। यहां कांग्रेस ने सुनियोजित तरीके से प्रचार-प्रसार किया। इसके अलावा टिकट वितरण को लेकर भी काफी सतर्कता बरती गई। संसाधनों की पर्याप्त उपलब्धता का लाभ भी कांग्रेस को मिला। दूसरी ओर भाजपा में टिकट वितरण को लेकर असंतोष काफी था। इसी का खामियाजा उसे भुगतान पड़ा है।
भाजपा ने नगर पंचायत आमदी में अपनी प्रतिष्ठा को कायम रखा है। यहां घोषित 15 में से 8 सीटों पर भाजपा को सफलता मिली है। कांग्रेस 6 सीटों पर विजयी रही है। एक निर्दलीय प्रत्याशी भी चुनाव जीतकर आया है। जिले के प्रमुख कांग्रेस नेताओं ने चुनाव प्रचार अभियान से किनारा कर रखा था।
जिले में एक मात्र कांग्रेस विधायक लक्ष्मी ध्रुव के विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले नगरी नगर पंचायत में कांग्रेस सत्ता में आने से पिछड़ गई। यहां उसके सिर्फ ६ पार्षद चुनाव जीतकर आए हैं। भाजपा ने 9 सीटों पर कब्जा किया है। सूत्रों का कहना है कि टिकट वितरण में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की उपेक्षा की गई। विधायक की एकला चलो नीति से भी कार्यकर्ता असंतुष्ट थे। चुनाव में इसका कांग्रेस को खामियाजा भुगताना पड़ा है। दूसरी ओर भाजपा के तमाम नेता एकजुट होकर चुनाव में सक्रिय थे।