उचित मानदेय देने समेत विभिन्न मांगों को लेकर आधा दर्जन मजदूर संगठनों ने सीटू के नेतृत्व में रामलीला मैदान में धरना-प्रदर्शन किया। यहां बड़ी संख्या में एकत्रित मध्यान्ह भोजन कर्मचारी, बीड़ी मजदूर, मंडी रेजा-कुली को संबोधित कर माकपा के राज्य सचिव संजय पराते ने कहा कि राज्य और केन्द्र की सत्ता में आने से पहले कांग्रेस-भाजपा ने मजदूरों के हितों में बड़ी-बड़ी घोषणाएं की थी।
सम्मान जनकर मानदेय देकर उन्हें बेहतर जिंदगी देने का भरोसा दिलाया था, लेकिन सत्ता में आते ही उनकी नीयत बदल गई। मजदूरों के हित में कोई काम नहीं हो रहा। मध्यान्ह भोजन कर्मियों के बजट में सिर्फ 3 सौ रुपए की बढ़ोत्तरी की है। महंगाई के इस दौर में महज 15 सौ रुपए में गुजारा मुश्किल है।उन्होंने मजदूरों को धोखा देने वालों को सबक सिखाने की अपील की।
सीटू के राज्य सचिव अजीत लाल ने कहा कि सरकार की नीति में खोट के चलते असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की दयनीय स्थिति है। मंडी श्रमिक, बीड़ी उद्योग और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को श्रम अधिनियमों का लाभ नहीं मिल रहा। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संघ के प्रदेश अध्यक्ष गजेन्द्र झा ने कहा कि राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ छलावा किया है। चुनाव के पहले कांग्रेस ने उनसे जो वादा किया था, उसे पूरा नहीं किया। वादा खिलाफी करने वाली सरकार को सत्ता में एक पल भी बने रहने का अधिकार नहीं है। प्रदर्शनकारियों में सीटू के जिलाध्यक्ष गंगा विश्वकर्मा, मणीराम देवांगन, महेश शांडिल्य, सेवक राम साहू, अनुसुईया कंडरा, अहिल्या बाई, सरला शर्मा, पुरूषोत्तम साहू, अंजना बाबर, दयाराम, नेमिन निषाद, ओमेश्वरी, चन्द्रवती विश्वकर्मा, ललिता देवांगन, प्रतिमा नेताम, संध्या ध्रुव, लक्ष्मी ध्रुव, रजनी निर्मलकर समेत बड़ी संख्या में मजदूर शामिल थे।