नगरी विकासखंड मुख्यालय से महज 10 की मी की दूरी पर ग्राम पंचायत उमरगाव इन दिनो जंगली जानवरो के हमले से घबरा गया है। दो दिन के अंदर ग्राम मे तीन हमले के शिकार हो गये। जिसमे घोडे के झुण्ड मे तेन्दुए ने हमले कर सप्ताह भर के दुध मुहे घोडे के बच्चे को अपना शिकार बना लिया और बचे हुए अवशेष को वही छोड गया। जिसे ग्रामीणो द्वारा अवशेष को दफना दिया गया। 23 मई को शाम7 बजे के आसपास फिर तेन्दुआ आ धमका और ग्राम उमरगाव निवासी टिकेश दास पिता माधव दास के पालतू घोडे के एक माह के बच्चे को अपना शिकार बना लिया।
उमरगाव निवासी अधीन नेताम व उनकी पत्नी सोनई बाई जंगल शाल बीज चुनने गए थे। जहां सोनई बाई के उपर भालू ने जानलेवा हमला कर दिया। ग्रामीणों का कहना है की ग्राम से जंगल लगा हुआ है व हिसक पशु को यहा शिकार का आदत हो गया जिसके चलते तेन्दुआ इस जगह को छोड नही रहा वन विभाग के पास इन्हे पकडने का कइ अवसर आये मगर पकड नही रहे समझ से परे।