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गंगरेल व अन्य बांधों से 72 टीएमसी पानी बहाया गया, अब बचा 30 टीएमसी पानी

locationधमतरीPublished: Nov 27, 2018 04:47:15 pm

Submitted by:

Deepak Sahu

गर्मी के पहले ही जिले के सभी बांधों की हालत पतली होने लगी है। दुधावा बाध में महज 32 फीसदी ही पानी बचा है।

gangrel dam

गंगरेल व अन्य बांधों से 72 टीएमसी पानी बहाया गया, अब बचा 30 टीएमसी पानी

धमतरी. गर्मी के पहले ही जिले के सभी बांधों की हालत पतली होने लगी है। दुधावा बाध में महज 32 फीसदी ही पानी बचा है। प्रदेश के सबसे बड़े सिंचाई बांध गंगरेल में आज की स्थिति में 18 टीएमसी उपयोगी पानी बचा है। जबकि रबी की सीजन में धमतरी के साथ ही अन्य पांच जिलों को सिंचाई पानी दिया जाना है।

उल्लेखनीय है कि इस साल बारिश के दिनों में मौसम ने खूब मेहरबानी दिखाई थी। इससे प्रदेश के सबसे बड़े सिंचाई बांध गंगरेल समेत दुधावा, मुरूमसिल्ली और सोंढूर बांध लबालब हो गया। इस साल तो आलम यह रहा कि भारी बारिश के चलते अकेले गंगरेल बांध से ही करीब 50 टीएमसी से ज्यादा पानी महानदी और मुख्य नहर में छोडऩा पड़ गया। इस तरह से अंचल के चारों बांधों से बारिश से लेकर अब तक करीब 72 टीएमसी पानी छोड़ा जा चुका है। आज की स्थिति में चारों बांधों को मिलाकर करीब 30 टीएमसी पानी बचा है।

गंगरेल बांध से अब भी एक रेडियल गेट खोलकर 192 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। शासन ने इस साल पहले से ही रबी सीजन में सिंचाई पानी देने की घोषणा की है। इसके अलावा भिलाई स्टील प्लांट, रायपुर नगर निगम और धमतरी नगर निगम को भी पेयजल और निस्तारी के लिए पानी दिया जाना है। ऐसे में पानी के मामले में बांधों की हालत दिन-ब-दिन पतली होती जा रही है।


गंगरेल समेत अंचल के अन्य बांधों में करीब 30 टीएमसी पानी संग्रहित है। रबी सीजन के अलावा निस्तारी के लिए भी पानी दिया जाएगा। अजय ठाकुर ईई जल संसाधन विभाग

दुधावा में सबसे कम पानी

पानी के मामले में सर्वाधिक हालत दुधावा बांध की खराब है। 10.192 टीएमसी क्षमता वाले इस बांध में आज की स्थिति में महज 3.241 टीएमसी पानी बचा है। इसी तरह 6.995 टीएमसी क्षमता वाले सोंढूर बांध में 3.795 टीएमसी पानी हैं, जो कि कुल क्षमता का 59.2 फीसदी है। 5.839 टीएमसी क्षमता वाले मुरूमसिल्ली बांध में 4.625 टीएमसी पानी बचा है। 32.150 टीएमसी क्षमता वाले इस बांध में आज 18.782 टीएमसी पानी बचा है।

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