लोकसभा चुनाव लडऩे वाले प्रत्याशियों के लिए निर्वाचन आयोग ने प्रचार-प्रसार समेत अन्य कार्याे में होने वाले खर्च की राधि निर्धारित कर दिया है। 70 लाख से ऊपर कोई भी खर्च नहीं कर सकता। उल्लेखनीय है कि चुनाव के दौरान राजनीतिक पार्टियां मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए प्रलोभन देने से बाज नहीं आती।
इसके लिए शराब, कंबल, शॉल, साड़ी समेत अन्य सामग्रियों पर लाखों रुपए खर्च किया जाता है। चूंकि नामांकन भरते समय प्रत्याशियों के बैंक एकाउंट की पूरी जानकारी निर्वाचन कार्यालय के पास रहती है। ऐेसे में प्रत्याशी अपने एकाउंट से राशि खर्च नहीं कर पाते। इसके लिए दूसरों का सहारा लिया जाता है। इसकी जानकारी अधिकारियों को नहीं हो पाती थी। इसलिए अब बैंकों के जितने भी खातेदार हैं, उन पर भी नजर रखी जा रही है।
लीड बैंक अधिकारी अंमित रंजन ने बताया कि जिले में आचार संहिता लागू है। बैंक खातों पर नजर रखने का निर्देश बैंकर्स को दिया गया है।