मतदाताओं में रोष
पिछले 67 साल में धमतरी क्षेत्र से कांग्रेस और भाजपा ने किसी को भी अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया। यहां के आम कार्यकर्ता लगातार इसके लिए विभिन्न राजनैतिक मंचों पर आवाज भी उठाते रहे है, लेकिन सत्ता के गलियारे में उच्च पहुंच रखने वाले इसे अनसुना करते रहे हैं। अब तो आम कार्यकर्ताओं के साथ मतदाताओं में भी इसे लेकर रोष पनपने लगा है। शायद चुनाव परिणाम में इसका असर दिखे।
वर्ष | जीते | पार्टी |
1952 | एमएल राधाकिशन बागड़ी | कांग्रेस |
1952 | शिवदास डागा | कांग्रेस |
1957 | विद्याचरण शुक्ल | कांग्रेस |
1957 | मिनीमाता अगमदास गुरु | कांग्रेस |
1962 | मिनीमाता अगमदास गुरु | कांग्रेस |
1962 | विद्याचरण शुक्ल | कांग्रेस |
1967 | विद्याचरण शुक्ल | कांग्रेस |
1971 | श्रीकृष्ण अग्रवाल | कांग्रेस |
1977 | बृजलाल वर्मा | भाजपा |
1980 | विद्याचरण शुक्ल | कांग्रेस |
1989 | विद्याचरण शुक्ल | कांग्रेस |
1991 | पवन दीवान | कांग्रेस |
1996 | पवन दीवान | कांग्रेस |
1998 | चन्द्रशेखर साहू | भाजपा |
1999 | श्यामाचरण शुक्ल | कांग्रेस |
2004 | अजीत जोगी | कांग्रेस |
2009 | चंदूलाल साहू | भाजपा |
2014 | चंदूलाल साहू | भाजपा |
चुनाव प्रचार में उत्साह नहीं
उल्लेखनीय है कि धमतरी जिले से कांग्रेस से गुरूमुख सिंह होरा, हरषद मेहता, लेखराम साहू, विपिन साहू और भाजपा से अजय चन्द्राकर, इंदर चोपड़ा, दयाराम साहू जैसे नेताओं ने अपनी दावेदारी प्रमुखता से की थी। दोनों ही पार्टी के शीर्ष नेताओं ने इसे नजरअंदाज कर दिया। धमतरी की लगातार उपेक्षा और तिरस्कार के चलते कार्यकर्ताओं में भी चुनाव प्रचार को लेकर कोई विशेष उत्साह नहीं दिख रहा। ऐसे में चुनाव परिणाम को लेकर दोनों ही पार्टियों के प्रमुख नेता आशंकित है।
बाहरी का मुद्दा हावी
महासमुंद संसदीय क्षेत्र का इतिहास रहा है कि यहां से बाहरी प्रत्याशियों पर कांग्रेस ने ज्यादा भरोसा किया है। विद्याचरण शुक्ल से लेकर अजीत जोगी बाहर से आकर यहां चुनाव लड़े और कामयाब भी हुए। कांग्रेस का टोटका रहा है कि जब कभी किसी अन्य क्षेत्र के नेता को यहां से प्रत्याशी बनाया गया है, तो वह जरूर चुनाव जीता है। शायद यही वजह है कि इस बार भी रायपुर जिले के निवासी धनेन्द्र साहू को कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी बनाया है। हालांकि भाजपा ने इसी संसदीय क्षेत्र के बसना निवासी चुन्नीलाल साहू को अपना प्रत्याशी बनाकर यहां बाहरी के मुद्दे को हवा दे दिया है।
सिर्फ कांग्रेस ने बनाया महिला को प्रत्याशी
पूर्व मुख्यमंत्री श्यामाचरण शुक्ल और अजीत जोगी जैसे दिग्गज भी इस सीट से अपना प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। मिनीमाता अगमदास गुरू एकमात्र कांग्रेस की महिला प्रत्याशी रही है, जिन्होंने दो बार चुनाव जीता। भाजपा ने इस सीट से आज तक किसी भी महिला को अपना प्रत्याशी नहीं बनाया।