उल्लेखनीय है कि बिहार में चमकी बुखार के चलते अब तक दर्जन भर से अधिक बच्चों की मौत हो गई। विशेषज्ञ इस बीमारी का कारण लीची को बता रहे हैं। शहर में भी बिहार, कलकत्ता और दिल्ली से लीची की सप्लाई होती है। इसे ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने जिले में चमकी बुखार को लेकर हाईअलर्ट जारी किया है, जिसके बाद से फल दुकानों में लीची की डिमांड अचानक कम हो गई।
कई दुकानदारों ने तो इसे बेचना ही बंद कर दिया है। फल विक्रेता संजय कुमार ने बताया कि लीची में 160 रूपए प्रतिकिलो के हिसाब से बिक रहा है। प्रतिदिन उनके यहां 50 किग्रा लीची की खपत हो जाती है, लेकिन वर्तमान में चमकी बुखार की अफवाह के बाद से उन्होंने इसका विक्रय करना ही बंद कर दिया है।
एक अन्य फल विके्रता सुमित बजाज ने बताया कि शहर में हर साल लीची की खूब डिमांड रहती है। लोग इस फल को हाथो-हाथ खरीदते हैं, लेकिन कुछ दिनों से फल मेंं कीड़ा लगने की शिकायत मिलने के बाद उन्होंने इसका स्टाक रखना ही बंद कर दिया है। उन्होंने बताया कि अभी भी कुछ ग्राहक लीची की डिमांड करते हैं, लेकिन लोगों की सेहत को देखते हुए उन्होंने इसे बेचना ही बंद कर दिया है।
जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. डीके तुर्रे ने बताया कि जिले में अभी तक चमकी बुखार (japanese fever) का संक्रमण देखने को नहीं मिला है, लेकिन एहतियात के तौर पर हाईअलर्ट (high alert) जारी किया गया है। स्वास्थ्य विभाग की टीम को भी सक्रिय किया गया है, ताकि किसी प्रकार की जानकारी मिलने पर तत्काल इसका समाधान किया जा सके।
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