मकर संक्रांति के पर्व को लेकर लोगों में विशेष उत्साह का माहौल है। पंडित राजकुमार तिवारी ने बताया कि जब सूर्य धनु से मकर राशि में प्रवेश करता है, तो मकर संक्रांति का योग बनता है। इसी दिन से सूर्य दक्षिणायान से उत्तरायाण होता हैं। उन्होंने आगे बताया कि इस साल सूर्य 14 जनवरी की शाम 7.50 बजे अश्विनी नक्षत्र में मकर राशि मेंं प्रवेश कर रहा है। इस समय सिद्ध योग बनने से पूजा-अर्चना का विशेष फल मिलेगा।
विंध्यवासिनी मंदिर के पुजारी राजेन्द्र चतुर्वेदी ने बताया कि पर्व के मद्देनजर मंदिर में विशेष तैयारी की गई है।सुबह 5 बजे माता को स्नान कराया गया। विशेष श्रृंगार के बाद पोडषोपचार से पूजा-अर्चना की जाएगी। इसके बाद मंदिर का पट श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोल दिया जाएगा। उन्होंने आगे बताया कि देर शाम माता को तिल के लड्डू और विशेष पकवान का भोग लगाया जाएगा।