गौरतलब है कि बैठक में करीब 35 करोड़ की लागत से विभिन्न विकास कार्यों को लेकर कर योजना बनाई गई। इसमें प्रमुख रूप से सड़कों क विकास करने के साथ ही बांध क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था, पर्यटकों की सुविधा पेंटिंग और सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है ।
गंगरेल क्षेत्र में सोलर विद्युतीकरण पर विशेष ध्यान देकर काम किया जाएगा। क्रेडा ने इसके लिए 2.90 करोड रुपए की लागत से कार्य योजना बनाई है। साथ ही गंगरेल में आने वाले पर्यटकों की सुविधा के लिए शीतला मंदिर के पास करीब 5 एकड़ की जमीन में पार्किंग बनाया जाएगा। 58 लाख की लागत से जल संसाधन विभाग द्वारा व्यू प्वाइंट बनाया जाएगा। ये व्यूप्वाइंट क्षेत्र के तीन अलग-अलग जगह में बनेगी, जिसमें एक व्यूप्वाइंट कंट्रोल रूम के पास, दूसरा डाउन स्टीम बांध प्रोटेक्शन वाल के पास तथा तीसरा व्यूप्वाइंट बरगद झाड़ के पास बनाया जाएगा।
बोर्डिंग प्वाइंट से गेज वेल को देखने के बाद पर्यटक सीधे अंगारमोती मंदिर पहुंचे, इसके लिए करीब 700 मीटर की डामरीकरण सड़क भी बनाई जाएगी। पर्यटन मंडल के एमडी नंदी ने जिला प्रशासन के अधिकारियों को निर्देशित किया है कि प्रदेश का यह गंगरेल बांध आने वाले समय में सबसे अच्छा और सुविधाजनक पर्यटन बने। इसके लिए वे जो जिम्मेदारियां दी गई है उसे समय पर पूरा कर ले।
कलेक्टर डॉक्टर सी आर प्रसन्ना ने कहा कि तय समय में सभी काम पूरा हो इसके लिए विभाग प्रमुख विशेष रूप से मॉनिटरिंग करते हुए काम कराएंगे। उन्होंने पर्यटन विभाग के एमडी को आश्वस्त किया है कि जल्द ही गंगरेल बांध पर्यटन के नक्शे में अपना एक अलग पहचान बनाएगा । बैठक में जिला पंचायत सीईओ रितेश अग्रवाल एसडीएम सीडी वर्मा डीएफओ अभिताभ वाजपेयी, एएसपी केपी चंदेल जल संसाधन विभाग के अजय ठाकुर, एसके ध्रुव अधीक्षण यंत्री ताम्रकार आरआई के राजू राव पीडब्ल्यूडी के सब इंजीनियर पैकरा समेत बड़ी संख्या में अधिकारी मौजूद थे।