मिले पैर के निशान
पुलिस को संदेह है कि इस घटना में लिप्त अपराधी का मृतकों के साथ संबंध रहा होगा। शायद यही कारण है कि वह घर की स्थिति से अच्छी तरह से वाकिफ था। घटना को अंजाम देने के बाद वह मुख्य दरवाजे से नहीं निकलकर छत के रास्ते बाहर निकला। पुलिस को उसके पैर के निशान भी मिले हैं। पुलिस का कहना है कि अपराधी जो भी होगा, वह जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
करते थे मजदूरी
पुलिस को प्रारंभिक पूछताछ में पता चला है कि अमृता बाई का पति कोटवार था। उसकी ९ साल पहले मौत हो गई थी। इसके बाद वह अपने बेटे दिनेश के साथ रहती थी। दोनों मेहनत-मजदूरी कर अपना परिवार चलाते थे। उनकी तीन बेटियां और थी, जिसमें से एक बेटी रत्नाबांधा में ही अपने पति के साथ रहती थी। किसी के साथ विवाद की कोई जानकारी नहीं मिली है।
फॉरेंसिक एक्सपर्ट रिपोर्ट से होगा खुलासा
इस बीच एसपी रजनेश सिंह, एएसपी केपी चंदेल समेत पुलिस के अन्य अधिकारी भी वहां आ गए। उन्होंने बारीकी से घटना स्थल का मुआयना किया। पुलिस ने बताया कि चूल्हा में एक बर्तन में भोजन पका हुआ पड़ा मिला। पास ही शराब की बोतल भी मिली। स्थिति को देखते हुए जांच के लिए कई बिंदु तय किए गए हैं। हालांकि रात हो जाने के कारण कमरे को सील कर दिया गया है। बताया गया है कि शनिवार को फॉरेंसिक एक्सपर्ट और डिटेक्टिव डॉग को बुलाया गया है। इसके बाद जांच कार्रवाई में तेजी आएगी।
आपस में था खून का रिश्ता
गौरतलब है कि पिछले दो सालों में यह तीसरी घटना है, जिसमें अपराधी ने बड़े सुनियोजित तरीके से हत्या की है। इसके पूर्व खपरी में महिला रूखमणी बाई (48) और उसकी बेटी पार्वती महार (25) की धारदार हथियार से हत्या की गई थी। पिछले साल ग्राम तेलीनसत्ती में टेलर महेन्द्र सिन्हा (38), पत्नी उषा बाई (36) और उसके बेटे महेश कुमार (12) की भी नृशंसतापूर्वक हत्या कर दी गई थी। सबसे गौर करने वाली बात यह है कि इन घटना में जिनकी भी हत्या हुई है, उनका आपस में खून का रिश्ता रहा है। और संयोग से तीनों घटनाएं अर्जुनी थानांतर्गत ही हुई है।