धमतरी

नक्सली हिंसा से पीड़ित परिवारों के लिए सरकार ने चलाई सैकड़ों योजनाएं, पर किसी को नही मिला लाभ

शासन के अनुसार विद्यालय में माओवाद प्रभावित परिवार के बच्चों को प्रवेश के लिए परीक्षा दिलाने की आवश्यकता नहीं है

धमतरीSep 20, 2018 / 01:22 pm

Deepak Sahu

नक्सली हिंसा से पीड़ित परिवारों के लिए सरकार ने चलाई सैकड़ों योजनाएं, पर किसी को नही मिला लाभ

धमतरी. माओवादी हिंसा प्रभावित परिवारों का न तो व्यवस्थापन हो रहा है और न ही उनके बच्चों को मुख्यमंत्री बाल भविष्य सुरक्षा योजना का लाभ मिल रहा है। प्रयास विद्यालय में ऐेसे बच्चों को डायरेक्ट भर्ती किया जाना है, लेकिन अब तक इससे लाभान्वित नहीं हो पाए हैं। संबंधित विभाग द्वारा भी इस योजना को लेकर उन्हें जागरूक नहीं किया जा रहा है।

धमतरी जिला भी माओवाद प्रभावित है। यहां विभिन्न माओवादी संगठन है, जिससे कई वनांचल नगरी के कौहाबाहरा, नचरकारा समेत अन्य गांवों में कई परिवार प्रभावित है। ऐसे परिवारों की सुविधा के लिए शासन द्वारा विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही है, जिसका लाभ उन्हें नहीं मिल पा रहा है। मुख्यमंत्री बाल भविष्य सुरक्षा योजना के तहत माओवाद प्रभावित क्षेत्रों के बच्चों के अध्यापन एवं सर्वांगीण विकास के लिए शिक्षा, आवास, भोजन, खेल, मनोरंजन आदि की व्यवस्था करना है।

इसके क्रियान्वयन की जिम्मेदारी आदिम जाति कल्याण विभाग को दी गई है। बच्चों को सभी तरह की सुविधाएं एक ही जगह मिल सके, इसके लिए रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, अंबिकापुर और जगदपुर में प्रयास विद्यालय संचालित खोला गया है।संबंधित विभाग द्वारा भी इस योजना को लेकर उन्हें जागरूक नहीं किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री बाल भविष्य सुरक्षा योजना का लाभ बच्चों को दिया जा रहा है। उनके लिए प्रयास विद्यालय संचालित है। बीआर बंजारे, सहायक आयुक्त आदिम जाति कल्याण विभाग

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