शहर में सहकारिता के क्षेत्र में सबसे पुरानी संस्था धमतरी सहकारी विपणन संघ मर्यादित का गठन वर्ष 1964 में हुआ था। संस्था द्वारा आज एक किसान राइस मिल, एक कृषि दवा केंद्र तथा 15 उचित मूल्य की दुकान का संचालन किया जा रहा है, जिनका सालाना टर्नओवर करीब ढाई करोड़ रुपए है।
लेकिन पिछले कुछ सालों में यहां भारी अनियमितता बरती जा रही है। चुनाव के बाद यहां बैठी नई संचालक मंडल जब संस्था के कार्यों की गहन समीक्षा की, तब इसका खुलासा हुआ। इसके बाद जनदर्शन में पहुंचकर कलेक्टर से शिकायत की गई। इधर सहकारी समिति में व्यापक व्यापक पैमाने पर बढ़ती जा रही धांधली की शिकायत को जिला प्रशासन ने काफी गंभीरता से लिया है।
तत्कालीन कलेक्टर डॉ सीआर प्रसन्ना ने तत्काल इसकी जांच की घोषणा कर सहकारिता और राजस्व अधिकारियों की संयुक्त टीम बना दी। यह टीम संस्था में पहुंचकर 11 फलों की जांच पड़ताल की। बताया जा रहा है कि जांच टीम द्वारा अब जल्द ही कलेक्टर को रिपोर्ट सौंप दी जाएगी। इसके बाद संस्था के संचालक समेत कुछ अन्य पूर्व संचालक मंडल के सदस्यों के खिलाफ कार्यवाही की तलवार लटक सकती है।