उल्लेखनीय है कि नोटबंदी के बाद से जिले मेंं डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। इसके तहत एसबीआई, सेंट्रल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा समेत अन्य बैंक अपने उपभोक्ताओं को नया खाता खुलवाने पर तत्काल एटीएम और मास्टर डेबिट कार्ड प्रदान कर रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य बैंकों में कार्य के दबाव को कम कर उपभोक्ताओं को डिजिटल लेन-देन के लिए बढ़ावा देना है, लेकिन संबंधित करेंसी चेस्ट के अधिकारियों की उदासीनता के चलते इस उदद्ेश्य की पूर्ति नहीं हो रही है।
पत्रिका ने रविवार को शहर के अंदर स्थित एटीएम का मुआयना किया, देखा गया कि अधिकांश एटीएम में कैश नहीं है और जिसमें कैश है, उसके स्क्रीन में नो-सर्विस का मैसेज डिस्प्ले हो रहा है। ऐसे में उपभोक्ताओं को मायूस होकर लौटना पड़ रहा हैै। पीडी नाला के पास एसबीआई के दो एटीएम लगे हुए हैं, जिसमेंं से एक एटीएम के मॉनिटर में नो-सर्विस डिस्प्ले हो रहा है। इसी तरह बस्तर रोड स्थित एसबीआई के एटीएम में कैश ही नहीं निकल रहा है। यही स्थित सिंडीकेट और बैंक ऑफ बड़ौदा के एटीएम मेंं देखने को मिला।