जिला मुख्यालय से करीब 110 किमी की दूरी पर स्थित ग्राम तुमड़ीबाहर में बाघ को देखे जाने की खबर से ग्रामीण दशहत के साए में रात गुजार रहे हैं। उल्लेखनीय है कि कुछ ग्रामीणों ने पूर्व सरपंच आत्माराम नेगी के खेत मेंं बाघ को देखा है। जिसकी खबर आसपास के क्षेत्रों में आग की तरह फैल गई। इसकी सूचना वन विभाग को भी दी गई। विभागीय टीम के कर्मचारियोंं ने आसपास सर्चिंग अभियान भी चलाया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। कर्मचारियों ने उन्हें बताया कि बाघ के होने का यहां कोई प्रमाण नहीं मिला है।
इसके बाद भी ग्रामीणों में दहशत कायम है। बताया गया है कि पिछले दिनों अरसीकन्हार में बाघ का पद चिन्ह मिला था। वन विभाग के अधिकारियों ने जानवर के पदचिन्ह को जांच करने के लिए भेजा था। यही वजह है कि ग्राम अरसीकन्हार, तुमड़ीबाहर, ठेनही, रिसगांव क्षेत्र मेंं ग्रामीण दिन और रात में भी लाठी, टार्च और डंडा लेकर जंगल जा रहे हैं।
शिकार होने की आशंका
सूत्रों की मानेंं तो पिछले कुछ सालों से वनांचल के जंगलों में तस्करोंं की आमद बढ़ी है। यही वजह है कि जंगली खरगोश, हिरण और कोटरी का किसी न किसी तरह से शिकार हो रहा है। ऐसे मेंं आशंका है कि लालच में आकर किसी तस्कर ने बाघोंं का भी शिकार कर लिया होगा। हालांकि अब तक इसकी किसी ने पुष्टि नहीं की है।
सीतानदी में पहले थे चार बाघ
गौरतलब है कि सीतानदी अभ्यारण्य क्षेत्र 550 वर्ग किमी में फैला है। शासन की ओर से यहां टाइगर रिजर्व प्रोजेक्ट भी चलाया जा रहा है। वर्ष-2005 में यहां कुल 4 बाघ थे, जिसके बाद से बाघों की संख्या लगातार घटती गई। वर्ष-2014 में वन विभाग अधिकारियों ने रिसगांव क्षेत्र में एक नर बाघ और सीतानदी क्षेत्र में एक मादा बाघ की पुष्टि की थी, लेकिन वर्तमान में यहां एक भी बाघ नहीं है।
ग्राम अरसीकन्हार मेंं बाघ के पद चिन्ह मिलने की सूचना मिली थी, जिसकी जांच की जा रही है। वर्तमान में सीतानदी क्षेत्र में एक भी बाघ नहीं है।
आरके रायस्त, एसडीओ, सीतानदी अभ्यारण क्षेत्र
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