उन्होंने कहा कि पुलिस को हमेशा अपने कत्र्तव्य के प्रति जागरूक रहना चाहिए। उसकी सक्रियता से ही अपराधों पर नियंत्रण होगा। आम जनता के साथ अच्छे संबंध रखने से पुलिस की छबि निखरती है। इस मौके पर उन्होंने समस्याओं के बारे में भी चर्चा की और आश्वस्त किया कि शासन पुलिस कर्मियों को बेहतर सुविधाएं जुटाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगी। इसके बाद वे सीधे जिला पुलिस मुख्यालय पहुंचे। यहां उन्होंने दफ्तर के विभिन्न सेक्शन का घूम-घूमकर जायजा लेने के बाद आला अधिकारियों को काम में और कसावट लाने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिया। इस अवसर पर एसपी रजनेश सिंह के अलावा एएसपी केपी चंदेल, डीएसपी पीएस महिलाने व अन्य अधिकारी मौजूद थे।
उल्लेखनीय है कि आईजी गुरूवार की रात को सबसे पहले अपने वार्षिक निरीक्षण के दौरान भखारा थाना पहुंचे। यहां पुलिस के जवानों की पर्सनालिटी, ड्रेसिंग की बारीकियों को परखते हुए थाने के कामकाज के बारे में पड़ताल की। रोजनामचा फाइल को देखने के बाद बैरक का भी जायजा लिया।
अकलाडोंगरी में थाना
धमतरी जिले में कानून-व्यवस्था की स्थिति को और मजबूत करने के उद्देश्य से अकलाडोंगरी-माटेगहन में थाना का लोकार्पण किया। उन्होंने बताया कि इस थाना के खुलने से लोगों को काफी लाभ मिलेगा। इससे अपराध पर भी नियंत्रण करने में पुलिस को सुविधा होगी।
धमतरी जिले में कानून-व्यवस्था की स्थिति को और मजबूत करने के उद्देश्य से अकलाडोंगरी-माटेगहन में थाना का लोकार्पण किया। उन्होंने बताया कि इस थाना के खुलने से लोगों को काफी लाभ मिलेगा। इससे अपराध पर भी नियंत्रण करने में पुलिस को सुविधा होगी।
साइबर क्राइम पुलिस के लिए चुनौती
जिला पुलिस मुख्यालय में आईजी ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए बताया कि आनलाइन क्राइम आज पुलिस के लिए किसी चुनौती से कम नहीं हैं। अपराध का पैटर्न बदलने लगा है। पहले अपराध प्रत्यक्ष रूप में होता था, पर अब अप्रत्यक्ष रूप से अपराध हो रहा है। इसलिए किसी भी तरह से ठगी से बचने के लिए फोन पर किसी को भी अपना एटीएम नंबर, पिनकोड आदि गोपनीय जानकारियां नहीं देना चाहिए।
जिला पुलिस मुख्यालय में आईजी ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए बताया कि आनलाइन क्राइम आज पुलिस के लिए किसी चुनौती से कम नहीं हैं। अपराध का पैटर्न बदलने लगा है। पहले अपराध प्रत्यक्ष रूप में होता था, पर अब अप्रत्यक्ष रूप से अपराध हो रहा है। इसलिए किसी भी तरह से ठगी से बचने के लिए फोन पर किसी को भी अपना एटीएम नंबर, पिनकोड आदि गोपनीय जानकारियां नहीं देना चाहिए।
उन्होंने आगे बताया कि सामुदायिक पुलिसिंग के तहत पुलिस आम जनता के बीच पहुंची है। पुलिस पर विश्वास बढऩे से अब लोग खुद ही संदिग्ध व्यक्ति को देखते ही पुलिस को कॉल करने लगे है। इससे समाज में शांति-व्यवस्था भी कायम हुई है। उन्होंने बताया कि धमतरी से महिला थाना और अलग से ट्रैफिक थाना का प्रस्ताव आया है। जल्द ही इसकी स्थापना के लिए प्रयास किया जाएगा।
रेंज के सभी पांच जिलों में पुलिस आवास बनाने का काम प्राथमिकता से किया जा रहा है। धमतरी से भी 168 मकानों का प्रस्ताव मिला है। माओवादी बेल्ट में तैनात जवानों की बुनियादी सुविधाओं पर भी जोर देकर काम किया जा रहा है। यहां वनांचल में दूरसंचार को लेकर ज्यादा शिकायतें रहती है। इसके लिए बीएसएनएल विभाग को पत्र भी लिखा गया है। रिफ्रेशर कोर्स पर जोर देते हुए उन्होंने एसपी को तत्काल एक शेड्यूल बनाने कहा हैं, ताकि पुलिस अधिकारी-जवानों को खेलकूद, सांस्कृतिक कल्चर, फिटनेस आदि रिफ्रेशर कार्यक्रमों से जोड़कर उनका मनोबल बढ़ाया जा सके।