& जिले के ९४ आंगनबाडिय़ोंं में शौचालय का काम अधूरा है, जिसे बनाने का प्रयास किया जा रहा है। जहां पानी की व्यवस्था नहीं है, उसे भी अपडेट कराया जा रहा है। रेणु प्रकाश, महिला बाल विकास अधिकारी
यही हाल शीतलापारा क्रमांक केन्द्र क्रमांक-1 और 2 में देखने को मिला। केन्द्र क्रमांक-1 में बच्चों की कुल दर्ज संख्या 28 है। यहां शौचालय का निर्माण तो कर दिया गया है, लेकिन पानी की व्यवस्था नहीं है। ऐसे में बच्चे खुले में शौच जाने के लिए मजबूर हो रहे हैं। जबकि केन्द्र क्रमांक-2 में स्थिति और भी ज्यादा खराब है।
जिला- धमतरी
आंगनबाडिय़ों की संख्या – 1106
बच्चों की संख्या – 23 हजार
भवन विहिन -68
शौचालय विहिन -94 जिले के अधिकांश आंगनबाडिय़ों में शौचालय नहीं होने से करीब 1 हजार से अधिक बच्चे खुले में शौच जा रहे हैं। पालक देवेन्द्र साहू, परमेश्वर सिन्हा का कहना है कि आंगनबाडिय़ों में शौचालय नहीं होने से बच्चों को परेशानी बढ़ गई है।
आंगनबाडिय़ों की संख्या – 1106
बच्चों की संख्या – 23 हजार
भवन विहिन -68
शौचालय विहिन -94 जिले के अधिकांश आंगनबाडिय़ों में शौचालय नहीं होने से करीब 1 हजार से अधिक बच्चे खुले में शौच जा रहे हैं। पालक देवेन्द्र साहू, परमेश्वर सिन्हा का कहना है कि आंगनबाडिय़ों में शौचालय नहीं होने से बच्चों को परेशानी बढ़ गई है।
सूत्रों की मानें तो जिले में 1106 आंगनबाड़ी भवन संचालित हो रहे हैं। इसमें से 23 स्वयं के भवन में तथा 68 आंगनबाडिय़ां किराए के भवन में चल रहे हैं। इसके अलावा 94 आंगनबाडिय़ां ऐसे हैं, जहां शौचालय में सीट नहीं बैठाई गई।