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पीएम साहब ऐसे नहीं बनेगा स्वच्छ भारत, ये है इसकी कड़वी सच्चाई

locationधमतरीPublished: Feb 16, 2018 03:02:27 pm

Submitted by:

Deepak Sahu

जिला प्रशासन ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत जिले को खुले में शौच मुक्त कराने के लिए पूरी ताकत झोंककर ओडीएफ तो घोषित करा दिया है।

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सैकड़ों बच्चे जा रहे हैं खुले में शौच

धमतरी. जिला प्रशासन ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत जिले को खुले में शौच मुक्त कराने के लिए पूरी ताकत झोंककर ओडीएफ तो घोषित करा दिया है। इसके विपरीत यहां स्थित करीब 94 आंगनबाड़ी केन्द्रों में आज भी शौचालय नहीं बनाया गया है। ऐसे में मजबूरी में बच्चे खुले में शौच जा रहे हैं, लेकिन इसकी चिंता विभागीय अधिकारियों को नहीं है।
उल्लेखनीय है कि बच्चों को सुपोषित करने समेत प्राथमिक शिक्षा प्रदान करने के लिए राज्य शासन ने आंगनबाड़ी केन्द्रों की स्थापना की है। इसके तहत बच्चोंं को सुपोषित करने के लिए रेडी-टू-ईट समेत पोषण आहार के अलावा उन्हें प्राथमिक शिक्षा भी प्रदान किया जा रहा है। एक जानकारी के अनुसार जिले में करीब 1106 आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित हो रहे हैं, लेकिन विडम्बना है कि इनमें से अधिकांश आंगनबाडिय़ों में शौचालय समेत अन्य बुनियादी सुविधाओं की कमी बनी हुई है। गुरूवार को पत्रिका ने सुभाष नगर, शीतलापारा, लालबीगचा, हटकेशर वार्ड स्थित आंगनबाड़ी केन्द्रों की पड़ताल की। देखा गया कि इनमें से सुभाष नगर आंगनबाड़ी केन्द्र क्रमांक-2 में बच्चोंं की दर्ज संख्या 13 है। बताया गया है कि यहां तीन साल पहले शौचालय बनाने के लिए गड्ढा खोदा गया था, जिसे समतल कर दिया गया है। ऐसे में यहां शौचालय नहीं होने से बच्चे खुले में शौच जा रहे हैं।

& जिले के ९४ आंगनबाडिय़ोंं में शौचालय का काम अधूरा है, जिसे बनाने का प्रयास किया जा रहा है। जहां पानी की व्यवस्था नहीं है, उसे भी अपडेट कराया जा रहा है। रेणु प्रकाश, महिला बाल विकास अधिकारी
यही हाल शीतलापारा क्रमांक केन्द्र क्रमांक-1 और 2 में देखने को मिला। केन्द्र क्रमांक-1 में बच्चों की कुल दर्ज संख्या 28 है। यहां शौचालय का निर्माण तो कर दिया गया है, लेकिन पानी की व्यवस्था नहीं है। ऐसे में बच्चे खुले में शौच जाने के लिए मजबूर हो रहे हैं। जबकि केन्द्र क्रमांक-2 में स्थिति और भी ज्यादा खराब है।
जिला- धमतरी
आंगनबाडिय़ों की संख्या – 1106
बच्चों की संख्या – 23 हजार
भवन विहिन -68
शौचालय विहिन -94

जिले के अधिकांश आंगनबाडिय़ों में शौचालय नहीं होने से करीब 1 हजार से अधिक बच्चे खुले में शौच जा रहे हैं। पालक देवेन्द्र साहू, परमेश्वर सिन्हा का कहना है कि आंगनबाडिय़ों में शौचालय नहीं होने से बच्चों को परेशानी बढ़ गई है।
सूत्रों की मानें तो जिले में 1106 आंगनबाड़ी भवन संचालित हो रहे हैं। इसमें से 23 स्वयं के भवन में तथा 68 आंगनबाडिय़ां किराए के भवन में चल रहे हैं। इसके अलावा 94 आंगनबाडिय़ां ऐसे हैं, जहां शौचालय में सीट नहीं बैठाई गई।
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