उल्लेखनीय है कि सिहावा विधानसभा व जिले के अंतिम छोर पर बसा बोरई व रिसगांव आज अजादी के सत्तर दसक के बाद भी विकास के लिए बाट जोह रहा है। हर साल बारिश मे बोरई मार्ग के सीतानदी व आठ दहारा नदी में हल्की सी बारिश में बाढ के हालात पैदा हो जाते हैं। रपटा के उपर पूल निर्माण नहीं कराने से यहां के ग्रामीणों को आवाजाही में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। रात भर बारिश के चलते सुबह से ही नदी उफान पर था। जहां कार, ट्रक, बस, बाईक सवार घंटों फंसे रहे। बोरई पुलिस की सूझबूझ के चलते यहां हालात को काबू किया गया। पानी कम होने पर जवानों ने दोपहिया वाहन व राहगीरो को पार कराया।
रिसगाव क्षेत्र की हालात और भी जर्जर
वनाचल में बसने का दंश झेल रहे रिसगाव ,आमाबहार ,करही ,करखा ,गादुलबहारा ,मादागिरी जैसे दर्जनों ग्राम का बारिश में ब्लाक मुख्यालय से संपर्क टूट जाता है। यहां मुख्य सोन्डूर नदी में सेतू निर्माण नहीं होने के कारण लोगों को अपनी जान जोखिम में डालकर नदी पार करना पडता है। कई बार तो नदी पार करते समय ग्रामीण नदी में बह जाते है, जो दूर झाडियों के सहारे किनारे निकलते है। सबसे ज्यादा परेशानी तो किसी की तबियत खराब हो जाए तो होती है। ऐसे में इन्हे गरियाबंद जिला होकर ब्लाक मुख्यालय पहुंचना पड़ता है।
वनाचल में बसने का दंश झेल रहे रिसगाव ,आमाबहार ,करही ,करखा ,गादुलबहारा ,मादागिरी जैसे दर्जनों ग्राम का बारिश में ब्लाक मुख्यालय से संपर्क टूट जाता है। यहां मुख्य सोन्डूर नदी में सेतू निर्माण नहीं होने के कारण लोगों को अपनी जान जोखिम में डालकर नदी पार करना पडता है। कई बार तो नदी पार करते समय ग्रामीण नदी में बह जाते है, जो दूर झाडियों के सहारे किनारे निकलते है। सबसे ज्यादा परेशानी तो किसी की तबियत खराब हो जाए तो होती है। ऐसे में इन्हे गरियाबंद जिला होकर ब्लाक मुख्यालय पहुंचना पड़ता है।
बोरई टीआई नोहर सिंह मंडावी ने कहा कि सुबह से नदी उफान पर है नदी के दोनों तरफ गडिय़ों की लंबी लाइन लगा था। 6 बजे से हम लोग यहां डटे हुए है। दस बजे के आस पास पानी कम होने पर पहले बड़ी गाडिय़ों को गाइड लाइन करते हुए पार कराया। बारिश कम नही हो रही है जिसकी वजह से कभी भी बाढ बढ सकता है।