कंप्यूटर कोर्स का लेना पढ़ रहा सहारा
भेजे गए कम्प्यूटर हो रहे कबाड़
एनके पांडे, आरएमएस- शासन की योजना के तहत स्कूलोंं को कम्प्यूटर प्रदान किया गया है, जिसका छात्र-छात्राओं को लाभ भी मिल रहा है। कम्प्यूटर खराब होने की जानकारी नहीं मिली है।छात्र राजेश साहू, महेन्द्र कुमार देवांगन, कुलेश सोनवानी ने बताया कि उन्होंने अपने स्कूल में अब तक कम्प्यूटर को देखा ही नहीं। और तो और शिक्षक भी इसके बारे में जानकारी नहीं देते।नहीं मिला कम्प्यूटर
हायर सेंकेंडरी स्कूल की शिक्षकों का कहना है कि विषय संबंंधित ज्ञान के अलावा वर्तमान मेंं कम्प्यूटर ज्ञान भी आवश्यक हो गया है। स्कूलों में खेल परिएड के अलावा अन्य शैक्षणिक गतिविधियां संचालित की जा रही है, लेकिन कम्प्यूटर ज्ञान के लिए कोई विशेष पहल नहीं किया जा रहा है। शायद यही कारण है कि 28 स्कूलोंं को अभी तक कम्प्यूटर नहीं मिला है। शिक्षा विभाग की उदासीनता के चलते जिले मेंं डिजिटल क्रांति योजना का लाभ छात्र-छात्राओं को नहीं मिल रहा है। देखरेख के अभाव में अधिकांश स्कूलोंं के कम्प्यूटर कबाड़ मेंं तब्दील हो गए है या तो पड़े-पड़े खराब हो रहे हैं। यही कारण है कि कम्प्यूटर शिक्षा में रूचि रखने वाले छात्रों को निजी संस्थानों में कम्प्यूटर कोर्स करना पड़ रहा है।