उल्लेखनीय है कि जिले में 880 प्राथमिक और 445 शासकीय माध्यमिक शाला है। यहां करीब 84 हजार छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। शासन की ओर से इन्हें रोजाना माध्यान्ह भोजन दिया जा रहा है। छात्र-छात्राओं को भोजन करने के लिए घर से बर्तन लाना न पड़े, इसके लिए शिक्षा विभाग को बर्तन और गिलास की व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है, लेकिन इसका पालन नहीं हो रहा है। इस साल शिक्षण सत्र को शुरू हुए करीब दो महीने हो रहे हैं।
स्कूलों में अब तक बर्तन की सप्लाई नहीं की गई है। ऐसे में छात्र-छात्राओं को मध्यान्ह भोजन करने में दिक्कत हो रही है। मजबूरी में उन्हें स्कूल बस्ते में पाठ्य पुस्तक के अलावा थाली भी साथ लाना पड़ रहा है। इससे बस्ते का बोझ भी बढ़ गया है, लेकिन इसकी चिंता शिक्षा विभाग के अधिकारियों को नहीं है। दो साल से शासन से बर्तन खरीदने के लिए मांग भी नहीं की गई है।
डीईओ टीके साहू ने बताया कि छात्रों के लिए बर्तन को लेकर जिले के किसी भी स्कूल से मांग नहीं आई है। स्कूलों में थाली और गिलास की व्यवस्था कर लिया जाता है।