रविवार के दिन बारात आने वाली थी। मेहमान भी घर में पहुंच गए थे। दुल्हन के हाथ-पैर में मेहंदी भी लग गई थी फिर अचानक क्यों रुक गई शादी
धमतरी. रविवार के दिन बारात आने वाली थी। मेहमान भी घर में पहुंच गए थे। दुल्हन के हाथ-पैर में मेहंदी भी लग गई थी। इस बीच अचानक बाल संरक्षण इकाई की टीम वहां पहुंच गई और उसने समझा-बुझाकर इस शादी को रूकवा दिया। कारण यह था कि जिस लडक़ी की शादी होने वाली थी, वह नाबालिग थी।
बाल विवाह रोकने के लिए लगातार अभियान चलाने के बाद भी लोगों में जागरूकता नहीं आ रही है। यही कारण है कि महिला बाल विकास विभाग, महिला सेल और बाल संरक्षण इकाई की टीम को खासी मेहतनत करनी पड़ रही है। ऐसे ही दो मामलों में ग्राम भानपुरी और जुनवानी में परिजनों ने नाबालिग युवती की शादी तय कर दी थी।
भानपुरी में तो 18 मार्च को बारात भी आने वाली थी, इससे पहले बाल संरक्षण की टीम को इसकी भनक लग गई। जिला बाल संरक्षण अधिकारी आनंद पाठक, महिला सेल प्रभारी सरोज चवरे, संस्थागत संरक्षण अधिकारी यशवंत बैस सहित अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे और परिजनों को समझाइश दी, जिसके बाद शादी को टाल दिया गया।
पहुंच गए थे मेहमान शादी के लिए परिजनों ने गांव सहित रिश्तेदारों को कार्ड बांट दिया था। शादी नजदीक होने के कारण रिश्तेदार भी घर पहुंच गए थे। उधर टीम के पहुंचते ही परिजनों में हडकंप मच गया है। बताया गया है कि भानपुरी निवासी नाबालिग युवती का विवाह बालोद के एक पुलिस आरक्षक से होने वाला था।
अब तक चालीस
उल्लेखनीय है कि इस टीम की ओर से पिछले तीन सालों में करीब 40 नाबालिगों की शादी रूकवाया गया। इस साल जनवरी से लेकर अब तक 6 नाबालिगों की शादी रूकवाया जा चुका है।
बाल संरक्षण अधिकारी आनंद पाठक ने कहा नाबालिगों की शादी पर विशेष नजर रखी जा रही है। रामनवमी और अक्षय तृतीय के अवसर पर बड़ी संख्या में शादी होती है। ऐसे में टीम के सदस्य गुप्त तरीके से नजर रखे हुए हैं।