शहर में इन दिनों प्रधानमंत्री आवास निर्माण कार्य का बुराहाल है। किश्त की राशि समय पर नहीं मिलने से कई मकानों का काम रूक गया है। निगम सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीब परिवारों को उनके कच्चे मकान को पक्का बनाने के लिए 2.30 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाती है। इसके तहत शहर में अब तक पांच डीपीआर में 790 आवास की स्वीकृति दी गई है, जिनमें से अब तक 195 कार्य पूर्ण हुआ है।
शेष मकान निर्माणाधीन है, लेकिन विडंबना यह है कि इनमें से 2 सौ से ज्यादा मकानों का काम महज किश्त जारी नहीं होने से अटक गया है। समय पर मकान नहीं बनने से हितग्राहियों को किराए के मकान में रहने मजबूर होना पड़ रहा है। मकेश्वर वार्ड गौरा चौक निवासी गोवर्धन यादव, पटवारी साहू ने बताया कि प्रथम किश्त मिलने के बाद उन्होंने अपने कच्चे मकान को तोड़ दिया। छज्जा लेंटर तक काम भी पूरा हो गया हैं, लेकिन दूसरी किश्त ही नहीं मिली।
कर्ज लेने की मजबूरी
गौरतलब है कि पीएम आवास में नित नए नियमों की पेंच में फंसे हितग्राहियों को अब आवास का सपना महंगा पडऩे लगा है। आवास की स्वीकृति देते समय निगम अधिकारियों ने सारी त्रुटियों को सुधार कर नक्शा और अनुज्ञा दी। यही नहीं काम के दौरान इंजीनियरों ने भी मौका मुआयना कर ले-आउट दिया। अब काम चालू करने के बाद स्वीकृति से ज्यादा भूखंड में निर्माण की बात कहकर हितग्राहियों का किश्त ही रोक दिया गया। ऐसे में हितग्राहियों को अब कर्ज लेकर काम करना पड़ रहा है।
कमिश्नर रमेश जायसवाल ने बताया कि पीएम आवास निर्माण में जितना काम पूरा होता है, हितग्राही को तय शर्तो के अनुसार किश्त की राशि जारी कर दी जाती है। यह पूरा काम ऑनलाइन जियो टैग पर आधारित है।
फैक्ट फाइल
स्वीकृत आवास प्रगतिरत पूर्ण
(1) 357 109 137
(2) 217 108 49
(3) 526 253 8
(4) 313 86 1
(5) 144 33 0
कुल 1557 589 195