बता दें कि निगम प्रशासन ने शहरवासियों को पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से करीब 35 करोड़ रूपए की लागत से वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना की गई है। इसके तहत शहरों की गलियों मेंं पाइप लाइन का जाल बिछाया गया है। विडम्बना है कि चार साल बीतने के बाद भी अधारी नवागांव वार्ड में पाइप लाइन का विस्तार नहीं हुआ है। एक बोर के सहारे ही इस वार्ड के 3 हजार की आबादी को पेयजल सप्लाई किया जा रहा है।
समय की, जरा सी चूक होने पर वार्डवासियोंं को पीने के लिए पेयजल तक नसीब नहीं हो पाता। ऐसे मेंं उन्हें एक मोहल्ले से दूसरे मोहल्ले में जाकर पेयजल लाना पड़ रहा है। वार्डवासी बिंदा नेताम, खिलेश्वरी साहू ने बताया कि पिछले कई सालों से वार्डवासी पेयजल संकट से जूझ रहे हैं। लोक समाधान शिविर मेंं वार्ड में ओवरहेड टंकी का निर्माण कराने की मांग की गई है।कुछ दिन पहले ही इसका भूमिपूजन किया गया है, लेकिन अब तक काम शुरू नहीं हो सका। ऐसे मेंं बारिश के सीजन मेंं भी वार्डवासियों को एक बाल्टी पानी के लिए काफी मशक्कत करना पड़ रहा है।
क्या कहते हैं वार्डवासी
निगम प्रशासन को जल्द से जल्द वार्ड में ओवरहेड टंकी का निर्माण कराना चाहिए, जिससे वार्डासियों को पेयजल समस्या से निजात मिल सके। शमशाद बेगम, वार्डवासी
बिारिश के सीजन में भी वार्डवासियोंं को पेयजल संकट से जूझना पड़ रहा है। निगम के अधिकारी सिर्फ औपचारिकता निभा रहे हैं। इससे उनमेंं रोष व्याप्त है। गीता बंजारे, वार्डवासी-