उल्लेखनीय है कि जिला मुख्यालय धमतरी से करीब 22 किलोमीटर दूर ग्राम दोनर हैं, जहां चंद्राकर ईट भट्ठा में काम करने के लिए ग्राम झाझरकेरा, भोथा, सालहेभाट के मजदूर काम करने के लिए पहुंचे थे। भट्ठा में जैसे ही इन मजदूरों ने काम शुरू किया तभी सुबह 5 बजे महानदी की ओर से एक जंगली कुत्ता आया और मजदूरों पर हमला कर दिया।
एक के बाद एक साथी मजदूरों पर भी जंगली कुत्ता का कहर टूट पड़ा । इससे ग्राम भोथा से आए मजदूर बलराम (40) पिता दुखित राम, पीतांबर यादव(40) पिता लालाराम सल्हेभाट, आसाराम पिता विशाल (42) झाझरकेरा , नीलू कमार (7) पिता पंचराम झाझरकेरा, सावित्री बाई (60) और आसाराम (45) और नरेश साहू (40) दर्री को गंभीर रुप से चोटें आई हैं।
जंगली कुत्ता ने किसी का हाथ को काट लिया तो किसी के सिर और पैर में गंभीर रूप से हमला कर जख्मी कर दिया है । गांव के युवा सोपसिंह चंद्राकर ने तत्काल इन मजदूरों को जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टर डीएस देव ने उन्हें तत्काल चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई। सभी घायल मजदूरों को एंटी रेबीज वैक्सीन लगाया गया। सभी को गहन निगरानी में रखा गया है।
उल्लेखनीय है कि महानदी के उस पार ग्राम सोनेवारा में घना जंगल है, जहां से आए दिन जंगली जानवरों का गांव तक पहुंच जाते है। इससे जंगल से लगे गावो में शाम ढलते ही लोग दशहत में जाते है। बताया गया है दोनर में नदी किनारे कुछ पोल्ट्री फार्म है, जहाँ आसपास मरी हुई मुर्गियों को फेंक देते है। इसे खाने के लिए ही जंगली कुत्ते आये दिन गांव तक पहुँच जाते है।