जिला अस्पताल में आयोजित शिविर में मनोरोगी (Psychopath) विशेषज्ञ डॉक्टर सुचिता गोयल ने बताया कि अनियमित दिनचर्या और भागदौड़ भरी जिंदगी में हर व्यक्ति किसी न किसी कारण तनाव में है। जब यह तनाव व्यक्ति को पूरी तरह से अपनी जकड़ में ले लेता है तो मस्तिष्क में कई प्रकार के बुरे विचार आते हैं और व्यक्ति जाने अनजाने में मानसिक रोग से ग्रस्त हो जाता है।
शिविर में मानसिक रोग(Psychopath) के लक्षण और उसके उपाय के बारे में बताया गया। उन्होंने आगे बताया कि 15 से 20 साल के युवा भी अब इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। ऐसे में उन्होंने युवाओं को तनाव मुक्त जीवन जीने की सलाह दी। योगा ट्रेनर मीरा गौतम ने स्वस्थ जीवन जीने के लिए मरीजों को अपने दैनिक दिनचर्या में योग को शामिल करने के लिए कहा। उन्होंने योग के विभिन्न आसनों की जानकारी देकर लोगों को नियमित योग करने के लिए प्रेरित किया।
शिविर में बीपी और शुगर की भी जांच की गई। स्वास्थ्य शिविर में 80 लोगों ने स्वास्थ्य चेकअप के लिए अपना पंजीयन कराया था, जिसमें से 56 मरीजों की पहचान मानसिक रोगी (Psychopath) के रूप में हुई। इसके अलावा सिजोफ्रेनिया के 17 मरीज मिले। मौके पर डॉक्टर बीके साहू, डॉ एस वानखेड़े, रानू नायक, टूनम देवांगन, आदर्श लाल, दिव्या साहू, गिरीश देवांगन समेत अस्पताल स्टाफ मौजूद थे।