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जिला अस्पताल के 9 डॉक्टरों को पहलेदर्जे का प्रभार

locationधारPublished: Jul 12, 2018 03:47:41 pm

इमरजेंसी ड्यूटी के अलावा पोस्टमार्टम होंगे प्रभावित, 4 डॉक्टर हायर स्टडी व एक अटैंचमेंट पर बाहर

In addition to Emergency Duties, post-mortem will affect, 4 Doctor Higher Study and one out of attachment

In addition to Emergency Duties, post-mortem will affect, 4 Doctor Higher Study and one out of attachment

धार.
स्वास्थ्य विभाग ने जिला अस्पताल के ९ डॉक्टरों को पहले दर्जे का प्रभार दिया है। इससे न केवल इमरजेंसी बल्कि पोस्टमार्टम जैसे कार्य प्रभावित होंगे। बता दें कि जिन 9 डॉक्टरों को प्रथम श्रेणी का चार्ज मिला है उनमें से 3 डॉक्टरों की इमरजेंसी ड्यूटी लगती थी। नियमानुसार पहले दर्ज के डॉक्टर से इमरजेंसी ड्यूटी नहीं करा सकते हैं। इधर उच्च शिक्षा के लिए जिला अस्पताल से 5 डॉक्टर बाहर चले गए, जिससे यहां डॉक्टरों का टोटा पड़ गया है। पहले ही जिला अस्पताल डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है, वहीं उच्च शिक्षा के लिए एक साथ इतने डॉक्टरों के चले जाने से सीनियर मेडिकल ऑफिसर की सेवाएं लेना पड़ सकती है।
इनको दिया पहले दर्जे का चार्ज
डॉ. मुकुंद बर्मन, डॉ. नीरज छारी, डॉ. राजेश जर्मा, डॉ. अजवीर इस्के, डॉ. गिरिराज भुर्रा, डॉ. अनिता बघेल, डॉ. दिलीप सोलंकी, डॉ. अंतिमा सोलंकी व डॉ. सुमित सिसोदिया। हालांकि इनमें से डॉ. छारी पहले ही इंदौर एमवाय कैंसर अस्पताल में अटैचमेंट ले चुके हैं, वहीं डॉ. बर्मन व जर्मा एसएनसीयू में पदस्थ हैं। इमरजेंसी में डॉ. सिसोदिया, सोलंकी व भुर्रा की ड्यूटी लगती थी, जो नियमानुसार अब बंद हो जाएगी।
ये गए उच्च शिक्षा के लिए
डॉ. मनीष मोदी, डॉ. सोमिल भदौरिया व डॉ. बाज बहादुर इस्के हायर स्टडीज के लिए बाहर गए हैं, वहीं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. मनीष राठौर सीनियर रेजिडेंसी की स्टडी के लिए 10 जुलाई से करीब दो वर्ष के लिए बाहर चले गए। धार जिला अस्पताल के डॉ. छारी भी इंदौर के एमवाय कैंसर अस्पताल में ड्यूटी दे रहे हैं।
62 स्वीकृत रह गए 37
जिला अस्पताल के आरएमओ डॉ. संजय जोशी के अनुसार करीब 300 बेड का है, जहां प्रथम व द्वितीय श्रेणी के कुल 62 पद स्वीकृत है। उच्च शिक्षा व अटैचमेंट में बाहर चले जाने वाले डॉक्टरों के बाद अब जिला अस्पताल में केवल 37 डॉक्टर रह गए हैं। इनमें भी द्वितीय श्रेणी के दो डॉक्टर अनुबंध के आधार पर हैं। जबकि 5 प्रथम श्रेणी व 30 द्वितीय श्रेणी के डॉक्टर कार्यरत हैं।
महिला डाक्टरों से लेंगे काम
इमरजेंसी में डॉक्टरों की कमी तो होगी। हालांकि जिन डॉक्टरों को पहले दर्जे का चार्ज मिला है उनसे भी सामंजस्य बैठाकर इमरजेंसी ड्यूटी ली जा सकती है। महिला डॉक्टरों से भी इमरजेंसी ड्यूटी के लिए रोस्टर तैयार कर लिया है।
-डॉ. एमके बोरासी, सिविल सर्जन

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