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इंदौर नाके पर बस खराब हुई, आगे चली तो ब्रेक फेल, अफसर के बंगले में जा घुसी

locationधारPublished: Jun 01, 2019 12:53:02 am

दुर्घटना : एक महिला घायल, बस के खराब होने पर अधिकांश सवारियां उतर गईं थीं, सिर्फ 7 यात्री थे

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इंदौर नाके पर बस खराब हुई, आगे चली तो ब्रेक फेल, अफसर के बंगले में जा घुसी

धार. इंदौर की ओर से आ रही बस में शहर के इंदौर नाके पर कुछ गड़बड़ी हुई तो अधिकांश सवारियां उतर गई। इसके बाद बस स्टैंड की ओर चली बस का ब्रेक फेल हो गया तो गाड़ी संभालने के दौरान चालक ने बस फुटपाथ पर चढ़ा दी, जिससे भी बस नहीं रूकी तो ऑफिसर कॉलोनी में बने पशु पालन उपसंचालक डॉ. एके बरेठिया के बंगले में जा घुसी। गनीमत रही कि दोपहर का समय होने से इस समय वहां भीड़भाड़ नहीं थी, जिससे कोई बड़ी जनहानि नहीं हुई। बता रहे हैं कि दुर्घटना के समय बस में लगभग ७ यात्री मौजूद थे, जिसमें से एक महिला को हल्की चोट लगी। दफ्तरी समय होने के कारण डॉ. बरेठिया भी ऑफिस में थे, जो घटना की जानकारी लगने के बाद बंगले पर पहुंचे। बस एमपी-१३-डीए-०५६६ उज्जैन पासिंग है, जो उज्जैन से इंदौर होते हुए महिदपुर रोड-धार रूट पर चलती है। दुर्घटना में बस ड्रायवर मो. हनीफ निवासी महिदपुर रोड को भी चोट लगी। हालाकि बस में सवार एक महिला को भी चोट लगी, इसके बाद परिजन ने बस के कांच फोड़ दिए, लेकिन पुलिस में रिपोर्ट दर्ज नहीं करवाई। दुर्घटना दोपहर करीब १.३० बजे की है, जिस समय ऑफिसर कॉलोनी स्थित डॉ. बरेठिया के बंगले के बाहर सुनसान नजारा था। बता दें कि शाम के समय आदर्श सड़क से लगे इस बंगले के आस पास पैदल टहलने वालों की भारी तादाद होती है। यदि यह वाकया शाम के समय होता तो बड़ा हादसा हो सकता था। इधर बंगले की उस दीवार से बस टकराई, जो मुख्य द्वार के दूसरी ओर है। दुर्घटना के समय बंगले में डॉ. बरेठिया के नीजी वाहन के अलावा कुछ और सरकारी गाडिय़ां भी खड़ी थी। यदि मुख्य द्वार के पास से बस बंगले में घुसती तो सभी वाहनों को भी हानि पहुंचती। मामले में पुश चिकित्सालय के चालक मुकेश पिता हरिसिंह ठाकुर निवासी दत्तगलि धार ने बस चालक व बस मालिक के खिलाफ प्रकरण दर्ज कराया है।
बच गई बिजली के तार से
दुर्घटना के समय बस की गति इतनी तेज थी कि वह दीवार तोड़कर आधी से ज्यादा बंगले में जा घुसी। बंगले में होकर निकल रही बिजली की लाइन का एक तार बस को छू गया, लेकिन उपर के दोनों तार बस से दूर रहे। बता रहे हैं कि सबसे नीचे वाला तार अर्थिंग का होता है, जिससे कोई बड़ी घटना नहीं हुई। यदि इससे उपर वाले तार बस से टकरा जाते तो करंट फैल जाता और चालक सहित इसमें बैठी सवारियों की जान खतरे में पड़ सकती थी।
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