बार-बार गलतियां निकाल बिल रोका, फिर मांगी रिश्वत और पकड़ा गया
धारPublished: Jan 11, 2019 01:24:10 am
लोकायुक्त के हाथों चढ़ा जिला शिक्षा केंद्र का अकाउंटेंट
धार. फोटोकॉपी के बिल पास कराने को लेकद्भ जिला शिक्षा केन्द्र के लेखापाल को १६ हजार रु. की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया। कार्रवाई लोकायुक्त इंदौर की टीम ने की।
प्राप्त जानकारी के अनुसार शिक्षा केंद्र के लेखापाल कल्याण शर्मा ने फोटोकॉपी के बिल के भुगतान के लिए फरियादी अनवेश दीक्षित से १६ हजार रुपए नकद रिश्वत की मांग की थी। दीक्षित ने इसकी शिकायत लोकायुक्त इंदौर को की। जांच पड़ताल कर डीएसपी प्रवीण बघेल व टीम इंदौर ने योजना तैयार की। गुरुवार को शर्मा ने रिश्वत की रकम देने के लिए फरियादी को कार्यालय बुलवाया था। इस दौरान पैसा लेते ही लोकायुक्त के अफसरों ने शर्मा को रंगे हाथों पकड़ लिया। उसके हाथ धुलवाए तो हाथ नोटों पर लगे कलर से रंग गए। सरकारी कार्यालय में लेखापाल को रिश्वत के मामले में ट्रेस करने के बाद सर्किट हाउस लाया गया। यहां पर दस्तावेजी खानापूर्ति की गई।
१.६४ लाख का बिल
फरियादी अनवेश दीक्षित लंबे समय से अपनी पुरानी बकाया राशि निकलवाने के लिए परेशान था। बिल देने के बावजूद भुगतान नहीं होना और कुछ भी गलती निकालकर उसे परेशान किया जा रहा था। एक दिन लेखापाल से बिल के बारे में बात की तो उसने बिल का १० फीसदी कमीशन मांग लिया। फरियादी ने बताया कि बिल का १ लाख ६४ हजार रुपए का था, जिसे पास कराने के लिए लेखापाल को १६ हजार रुपए नकद देना थे। शिकायत पर लोकायुक्त ने गुरुवार को पूर्व से तैयार की गई योजना के साथ फरियादी रुपए लेकर लेखापाल के पास जा पहुंचा, जहां लोकायुक्त अधिकारियों ने उसे रंगे हाथों धर दबोचा।
फरियादी अनवेश दीक्षित निवासी धार का अंकिता फोटोकॉपी के नाम से जिला शिक्षा केन्द्र में फोटो कॉपी का टेंडर हुआ था। दीक्षित द्वारा विभाग में की गई फोटोकॉपी के बिल की राशि करीब 1 लाख 64 हजार बकाया थी। लेखापाल पिछले तीन महीने से भुगतान नहीं कर रहा था। इस मामले में 10 प्रतिशत कमीशन की मांग की जा रही थी। लेखापाल ने जब बिल पास नहीं किए तो फरियादी ने 7 जनवरी को लोकायुक्त को शिकायत की। इस दौरान दोनों की बातचीत का ऑडियो भी टेप किया। इसके बाद फरियादी पैसा देने को राजी हो गया। बाहर जाने के कारण मामला 10 जनवरी पर जमा और गुरुवार को फरियादी ने रिश्वत देकर लेखापाल को लोकायुक्त के हाथों पकड़वा दिया।
ये तो रिवाज हो गया
सर्किट हाउस में फरियादी अनवेश दीक्षित ने बताया कि बिल अटकने के कारण परेशान हो गया था। 10 प्रतिशत के करीब 16 हजार रुपए मांगे जा रहे थे। उसने रकम कम करने की मांग की, लेकिन लेखापाल अड़ा रहा साथ ही यह भी कहा कि ये तो रिवाज है, ऊपर तक देना पड़ता है। 7 जनवरी को लोकायुक्त में शिकायत की और लोकायुक्त से रिकॉर्डर मिलने के बाद पहले बातचीत रेकॉर्ड की। दूसरे दिन पैसे देने की बात हुई, लेकिन लेखापाल बाहर चला गया। इसके बाद गुरुवार को लेखापाल फरियादी के घर पर अपने कार्यालय में ही पैसे लेकर आने का बोल दिया।
करीब सवा दो बजे लोकायुक्त की टीम ने फरियादी से पैसे लेते हुए लेखापाल को पकड़ लिया। सर्किट हाउस पर पंचनामा बनाया गया, जिसमें लोकायुक्त के साथ आए दो गवाह भी पंचनामें में साक्षी बने।
फोटो १११०- लेखापाल से और पूछताछ करते लोकायुक्त अधिकारी।