तलवाडा में सोसायटी नहीं है। बगडी सोसायटी में खाद लेने जाना पड़ता है। यहां पर शनिवार को नंबर लगाया तो 135 वां मिला है। पांच बोरी यूरिया ही दे रहे है।
दिलीप रामकिशन, तलवाड़ा
घर पर कोई नहीं है। गांव से बगड़ी आने के लिए एक युवक की मोटरसाइकिल में 50 रुपए का पेट्रोल डलवाया इसके बाद यहां आ पाई हूं। आज खाद मिल रहा है।
यूरिया कैसे मिलेगी इस बात को लेकर हम अभी से चिंतित हैं । यूरिया के लिए नालछा सोसाइटी पर निर्भर है । वहां अभी तक नहीं आया है अब तक आए बात की कोई गारंटी नहीं है। मांडू में सोसायटी नहीं होने से नालछा जानापड़ता है।
पप्पू नानूराम मांडू
शुभम यादव मांडू
बगड़ी में उपमहाप्रबंधक खुद स्वीकार कर रहे है कि आने वाले किसान का नाम और फोन नंबर लिख रहे है। खाद उपलब्ध होने और उसका नंबर आने पर उसे फोन करके बुला लिया जाता है। इस फंडे से भीड़ भी नहीं लग रही है।
इनती है आवश्यकता
– बिलौदा सोसायटी में 500 मीट्रिक टन यानी 10 हजार बोरी की यूरिया की आवश्यकता है।
– तोरनोद सोसायटी में 400 मीट्रिक टन यानी 8 हजार बोरी की जरूरत है।
– उमरियाबड़ा सोसायटी में 400 मीट्रिक टन यानी 8 हजार बोरी यूरिया की मांग है।
– तीसगांव में 300 मीट्रिक टन यानी ६ हजार बोरी की आवश्यकता है।
ये है विभाग का दावा
जिला सहकारी बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी का दावा है कि जिलेभर में खाद की कमी नहीं है। उन्होंने बताया कि जिले में सात डबल लाक केंद्रों पर कुल 2100 मेट्रिक टन तथा समितियों में तीन हजार 596 मेट्रिक टन का भंडारण है । किसानों को यूरिया आसानी से उपलब्ध हो रहा है।
मनावर. गोविंद सोलंकी
आगामी रबी सीजन में उर्वरक खाद की किल्लत किसानों को झेलना ना पड़े इसे लेकर जिला प्रशासन के पास कोई प्लानिंग नहीं है । इन दिनों खरीफ की कुछ फसलों के साथ ही वेजिटेबल व अन्य बागवानी फसलों को रासायनिक उर्वरकों की आवश्यकता होती है वही सर्वाधिक मांग आगामी दिनों रबी सीजन के गेहूं ,चना के लिए निकलेगी जिसमें सुपर डीएपी पोटाश यूरिया उर्वरकों की रहेगी । कृषि विभाग धार के डिप्टी डायरेक्टर ने आगामी रबी सीजन को लेकर 29 दिसंबर को एक पत्र उपायुक्त सहकारी संस्थाएं जिला धार जिला विपणन अधिकारी धार ,मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक एवं प्रबंधक एमपी एग्रो जिला धार को जारी किया है । जिसमें कहा गया है कि रबी वर्ष 2020 21 के लिए रबी फसलों के लिए उर्वरकों की अनुशंसित मात्रा अनुसार किसानों को उर्वरक प्रदाय किया जाए । जिसकी निर्देशिका इस पत्र के साथ संलग्न कर जारी की गई है जिसमें किसानों को रबी सीजन की फसलों में उर्वरक की अनुशंसित मात्रा अनुसार उर्वरक प्रति हेक्टर किलोग्राम एवं बैग में प्रदाय किए जाने के लिए आदेशित किया गया है । जिसमें रबी सीजन के लिए प्रति हेक्टर किसान को 5 बैग यूरिया प्रदाय किया जाना है । जिसमें गेहूं बुवाई के बाद प्रथम सिंचाई के समय 2 बैग यूरिया एवं द्वितीय तृतीय सिंचाई के समय तीन बैग दिया जाए तथा शेष अन्य उर्वरक खाद सुपर डीएपी पोटाश बुवाई के समय प्रदाय किया जाए एवं मक्का फसल के लिए भी प्रति हेक्टर पांच बैग यूरिया अनुशंसित है । इस तरह के आदेश जारी होने के बाद मनावर क्षेत्र की सभी सहकारी संस्थाओं के द्वारा डिप्टी डायरेक्टर धार के परिपत्र के पालन अनुसार किसानों को उर्वरक खाद प्रदाय किया जा रहा है । अभी मनावर क्षेत्र की सहकारी संस्थाओं के पास उर्वरक भंडारण हेतु गोदाम उपलब्ध है लेकिन यूरिया उर्वरक की सप्लाई संस्थाओं की मांग के अनुसार नहीं हो रही है जिससे आगामी रबी सीजन के गेहूं ,चने की बुवाई के बाद फसलों को सिंचाई के दौरान उर्वरक यूरिया की किल्लत किसानों को झेलना पड़ेगी तथा छोटे मझोले आदिवासी गरीब किसानों को उर्वरक यूरिया अधिक दाम 500 से 600 तक देकर खरीदना पड़ेगा । डायरेक्टर कृषि विभाग ने बताया कि मैंने 10 अक्टूबर को ही उर्वरक अनुशंसित मात्रा में प्रदाय किए जाने संबंधित पत्र को निरस्त कर दिया है तथा अब जितना भी उर्वरक किसान को लगे वह उतना ले सकता है।