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पिता की मृत्यु के बाद श्मशान जाकर बेटे ने किया ये काम…जानने के लिए पढि़ए पूरी खबर

locationधारPublished: Jun 18, 2019 05:33:02 pm

गांव वाले भी आ गए आगे
 

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पिता की मृत्यु के बाद श्मशान जाकर बेटे ने किया ये काम…जानने के लिए पढि़ए पूरी खबर

दसाई. पुत्र ने पिता के जीवन को यादगार बनाने के लिए ऐसा फर्ज निभाया कि दूर-दूर तक यह नई मिसाल कायम होने जा रही है। हर पुत्र पिता के निधन के बाद मात्र कार्यक्रम कर इतिश्री कर लेते हैं, लेकिन ग्राम पदमपुरा के निवासी गणपतलाल चौधरी के निधन पर उनके पुत्र ने 11 सौ पौधे रोपकर क्षेत्र में एक मिसाल पेश की है। जिसकी प्रशंसा गांव ही नहीं आसपास के क्षेत्र मे हो रही है। पुत्र मोहनलाल मारू जो उज्जैन के खाद्य आपूर्ति नियंत्रक है।
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उन्होंने अपने पिता के देहावसान पर गांव को हरा भरा करने के लिए ग्यारह सौ पौधे लगाकर उनको पानी पिलाने एवं उनके बड़े होने तक उनकी सुरक्षा करने का संकल्प लिया है। इस पहल से गांव के लोग इतने प्रभावित हुए कि लोगों ने पुरा सहयोग देते हुए गड्ढे खुदाई तथा गड्ढों मे मिटटी डालने के लिए गांव के सभी ट्रैक्टर लगा दिए जिसमें एक ही दिन में 5 फीट से अधिक गहरे 100 से अधिक गड्ढे तैयार कर उनमें प्रत्येक गड्ढे में एक-एक नि:शुल्क ट्रॉली मिटटी डालकर पौधे लगाने के लिए तैयार कर दिए।
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दसाई में भी असर

दसाई में जैसे ही पता चला कि पदमपुरा के श्मशान घाट को हरा करने का कार्य जोरों पर प्रारंभ हो गया। होकर दसाई के व्यापारी आदिनाथ ट्रेडर्स ड्रिप सिचाई ती सामग्री भेंट कर दी। पड़ोस के गांव खूंटपला मे भी पौधे रोपे जा रहा है। खूंटपला गोशाला अध्यक्ष रामचंद्र मारू ने बताया कि मोहनलाल मारू द्वारा गोशाला को जो भी पौधे देने का निर्णय लिया गया है। उनकी हम परवरिश की जिम्मेदारी लेंगे।
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जाली की बन रही है बाउंड्री

पौधों की सुरक्षा के लिए श्मशान घाट पर चारों ओर एंगल लगाकर जाली की दीवार बनाई जा रही है। श्मशान घाट से गांव तक डेढ़ किमी दूरी पर सडक़ के दोनों ओर किनारे-किनारे पर पौधे लगाकर सुरक्षा की सारी व्यवस्था की जा रही है ताकि पौधे बड़े होकर राहगीरों को इसका लाभ मिल सके। लोग आर्थिक मदद के लिए भी आगे आए है, जिसमें एक ही दिन में हजारों की राशि एकत्रित कर ली गई।
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